Bijapur Sukma Encounter: सुखराम (Sukhram Fars) मूल रूप से गरियाबंद जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर बसे गांव मोहदा के निवासी थे। सुखराम 3 भाईयों में दूसरे नंबर पर थे। उनकी पत्नी और बच्चा गांव में ही रहते हैं। उनकी शहादत की खबर सुनकर पत्नी का बुरा हाल है।
गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर शनिवार को हुए नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 24 जवान शहीद हुए हैं। इन जवानों में सीआरपीएफ और एसटीएफ के जवान शामिल हैं।
शहीद जवानों के परिजनों तक उनकी शहादत की खबर दे दी गई है। इस नक्सली घटना में गरियाबंद जिले के मौहदा गांव के रहने वाले एसटीएफ जवान सुखराम फरस (Sukhram Fars) भी शहीद हुए हैं।
रविवार को अधिकारी उनके घर में शहादत की खबर देने गए थे। ये खबर सुनते ही सुखराम फरस के घर में मातम पसर गया।
सुखराम (Sukhram Fars) मूल रूप से गरियाबंद जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर बसे गांव मोहदा के निवासी थे। सुखराम 3 भाईयों में दूसरे नंबर पर थे। उनकी पत्नी और बच्चा गांव में ही रहते हैं। उनकी शहादत की खबर सुनकर पत्नी का बुरा हाल है।
सुखराम की शादी डेढ़ साल पहले ही हुई थी। उनका बच्चा अभी एक साल का ही है। शहादत की खबर सुनकर उनकी पत्नी जोर से चीखीं और फिर कुछ बोल ही ना सकीं। तभी से घर की महिलाएं उन्हें संभालने में लगी हुई हैं।
सुखराम की शहादत के बाद उनके पिता एक दम मौन हो गए हैं। वह कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। उनकी मां भी इस घटना के बाद से एक दम चुप हो गई हैं। माता-पिता की चुप्पी पूरे घर का हाल बयां कर रही है। गांव के लोग उनके पार्थिव शरीर के घर आने की राह देख रहे हैं।
शहीद के छोटे भाई तुकाराम का कहना है कि मेरा भाई देश के लिए शहीद हुआ है। हमें उसकी शहादत पर गर्व है।
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