सिर में लगी थी गोलियां, फिर भी लड़ता रहा वीर कुंवर सिंह की धरती का यह लाल

श्रीनगर में 5 फरवरी को CRPF पर हुए आतंकवादी हमले में बिहार के भोजपुर जिले के एक सपूत ने अपनी जान न्योछावर कर दी। स्वतंत्रता संग्राम के महनायक वीर बाकुंड़े बाबू कुंवर सिंह की धरती का लाल रमेश रंजन आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया।

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श्रीनगर में 5 फरवरी को CRPF पर हुए आतंकवादी हमले में बिहार के भोजपुर जिले के एक सपूत ने अपनी जान न्योछावर कर दी।

श्रीनगर में 5 फरवरी को CRPF पर हुए आतंकवादी हमले में बिहार के भोजपुर जिले के एक सपूत ने अपनी जान न्योछावर कर दी। स्वतंत्रता संग्राम के महनायक वीर बाकुंड़े बाबू कुंवर सिंह की धरती का लाल रमेश रंजन आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया। बता दें कि श्रीनगर-बारामुला हाईवे के लावेपोरा नारबल नाके पर सीआरपीएफ की 73 वीं बटालियन द्वारा चेकिंग की जा रही थी। 

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शहीद जवान के रोते-बिलखते परिजन।

बता दें कि 5 फरवरी को श्रीनगर-बारामुला हाईवे के लावेपोरा नारबल नाके पर सीआरपीएफ (CRPF) की 73 वीं बटालियन द्वारा चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान करीब सुबह करीब साढ़े 11 बजे स्कूटी पर सवार तीन आतंकवादियों ने अचानक सीआरपीएफ जवानों पर हमला बोल दिया। इसके बाद मुडभेड़ शुरू हो गयी।

उस दौरान वहां सीआरपीएफ (CRPF) के 13 जवान तैनात थे। जवानों ने तत्काल पोजिशन लेते हुए जवाबी कार्रवाई की और दो आतंकियों को वहीं ढेर कर दिया। जबकि एक आतंकी बुरी तरह घायल हो गया, जिसने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। लेकिन, इस मुठभेड़ में हमने अपना एक जवान खो दिया।

सिर में गोलियां लगने के बाद भी लड़ते रहे रमेश

अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों को मारने में रमेश ने अहम भूमिका निभाई। रमेश ने दो आतंकियों को मार गिराने और एक को गंभीर रूप से घायल करने के ऑपरेशन में गजब का जज्बा दिखाया। इसी दौरान उनके सिर में गोली लग गई। पर, बुरी तरह जख्मी होने के बाद भी वे आतंकियों पर गोलियां बरसाते रहे।

सिर में लगी गोली के कारण कुछ देर बाद रमेश रंजन ने दम तोड़ दिया। सीआरपीएफ (CRPF) के महानिदेशक (डीजी) एपी माहेश्वरी ने कहा, ‘हम अपने उस भाई को सलाम करते हैं, जिसने देश की रक्षा के लिए अपनी जान गंवा दी। हमारी सहानुभूति शहीद के परिजन और करीबियों के साथ है।’ रंजन की मौत के बाद श्रीनगर के सीआरपीएफ (CRPF) कैंप में उनको अंतिम विदाई दी गई।

अभी दो साल पहले ही हुई थी शादी

शहीद रमेश रंजन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के महनायक बाबू कुंवर सिंह की धरती भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के देव टोला गांव के रहने वाले थे। उनके पिता राधामोहन सिंह रिटायर दारोगा हैं। गांव के सपूत की शहादत की खबर से जहां लोगों में गर्व है, वहीं एक बहादुर बेटे को खोने का गम भी है। बेटे की शहादत की खबर आते ही घर में कोहराम मच गया। शहीद के पिता ने कहा कि बेटे ने उसका सीना चौड़ा कर दिया। वहीं इस खबर से गांव में भी मातम छा गया। जैसे ही सूचना मिली, लोग शहीद के परिवार को सांत्वना देने पहुंचने लगे।

शहीद रमेश का परिवार फिलहाल आरा शहर के गोढ़ना रोड स्थित मोहल्ले में रहता है। रमेश के एक दोस्त ने बताया कि रमेश हसमुंख और बड़े ही मिलनसार थे। शहीद जवान रमेश रंजन मे साल 2011 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ज्वॉइन किया था और 73 वीं बटालियन में कॉन्स्टेबल पद पर बहाल हुए थे। उनकी पहली पोस्टिंग संभलपुर ओडिशा में हुई थी, बाद में उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में कर दी गई थी। उनकी शादी दो साल पहले ही हुई थी। रमेश नवंबर महीने में ही घर आए थे और परिवार के साथ छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताई संवेदना

सीआरपीएफ (CRPF) के वीर जवान रमेश रंजन के शहीद होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि वीर जवान की शहादत को देश हमेशा याद रखेगा। वे इस घटना से काफी मर्माहत हैं। शहीद जवान का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने वीर सपूत की शहादत पर उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

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