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Anti-Tank Missiles: युद्ध में मशीनें चाहे कितनी ही एडवांस क्यों न हो लेकिन युद्ध में जीत सैनिकों की हिम्मत और पराक्रम के चलते ही होती है। एलओसी (LoC) और एलएसी (LAC) पर कई मौकों पर एंटी टैंक मिसाइल तैनात की जाती रही हैं।
भारत की अपने पड़ोसी देशों से जब भी तनातनी बढ़ती है तो सीमा पर एंटी टैंक मिसाइलें तैनात कर दी जाती हैं। ऐसा किसी भी संभावित खतरों से निपटने के लिए किया जाता है। ऐसा करना दुश्मनों को यह संदेश भी देता है कि हम उन्हें कमजोर नहीं समझ रहे और खुद को मजबूर भी नहीं।
एलओसी (LoC) और एलएसी (LAC) पर कई मौकों पर एंटी टैंक मिसाइलें (Anti-Tank Missiles) तैनात की जाती रही हैं। एंटी-टैंक मिसाइल एक ऐसा हथियार है जिसे मुख्य रूप से भारी बख्तरबंद सैन्य वाहनों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM), एंटी-टैंक गाइडेड वेपन (ATGW) या एंटी-आर्मर गाइडेड वेपन भी कहा जाता है।
इनके जरिए घातक हथियारों से लैस वाहनों को पल भर में भस्म किया जा सकता है। कुछ एंटी टैंक मिसाइलों को तो जवान अपने कंधे पर रखकर ही दुश्मन को टारगेट करते हैं। ये किसी भी तरह के टारगेट को पहचान सकने, उसे ट्रैक कर सकने और उसे नष्ट कर सकने में सक्षम होती हैं।
ये भी देखें-
भारत के पास डीआरडीओ एंटी टैंक मिसाइल, अमोघ एंटी टैंक मिसाइल, नाग एंटी टैंक मिसाइल, हेलीना/ध्रुवस्त्र, संत मिसाइल, मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, SAMHO एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और जैस्मीन एंटी टैंक मिसाइल-वीईएम टेक्नॉलजी एंटी टैंक मिसाइल्स हैं। युद्ध में मशीनें चाहे कितनी ही एडवांस क्यों न हो लेकिन युद्ध में जीत सैनिकों की हिम्मत और पराक्रम के चलते ही होती है।
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