अपनी लेखनी से हिंदी साहित्य को अलंकृत करने वाले महान समीक्षक रामचंद्र शुक्ल
आलोचना एक सुपरिचित विधा है। यह किसी रचना विशेष के मर्म तक पहुंचने वाले रास्ते की खोत तक सीमित नहीं...
आलोचना एक सुपरिचित विधा है। यह किसी रचना विशेष के मर्म तक पहुंचने वाले रास्ते की खोत तक सीमित नहीं...