Martyr

शहादत को सम्मान देने और आतंकियों को उनकी हैसियत बताने के लिए सरकारी स्कूलों का नाम शहीदों के नाम पर रखे जाने का प्रोसेस शुरू हो गया है।

यूपी के कौशांबी जिले में शहीद जवान नरेंद्र दिवाकर (Narendra Diwakar) का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

24 साल के सिपाही सुरेंद्र कालीरामना (Surendra Kaliramana) आतंकवादियों से लोहा लेते हुए जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में रविवार को शहीद हो गए थे।

सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के शहीद जवानों के नाम पर स्कूलों के नाम रखना एक ऐतिहासिक फैसला है। जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।

शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर भुरू सिंह का आज पानीपत स्थित उनके गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया है कि बीते 3 सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों (terrorists) के साथ 400 मुठभेड़ हुई हैं।

अक्टूबर में शहीद जवान (kamal Dev)0 की शादी होने वाली थी, लेकिन किसने सोचा था कि उनका प्यारा बेटा कफन में लिपटकर घर आएगा।

हयात सिंह (Hayat Singh Mehar) मणिपुर में शहीद हुए थे और मूल रूप से खटीमा के झनकट के निवासी थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

आईटीबीपी (ITBP) ने बताया कि हादसे वाली जगह पर हमारे सैनिक फौरन पहुंचे और घायलों का इलाज शुरू करवा दिया गया।

उत्तराखंड के वीर जवान बृजेश की शहादत की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची, तो कोहराम मच गया। हर शख्स शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर लेना चाहता था।

विपिन यादव महज 24 साल के थे और मूल रूप से हरियाणा के नांगल चौधरी हल्के के गांव कमानिया के रहने वाले थे। वह 4 साल पहले ही सेना में शामिल हुए थे।

सिक्किम में सेना (Army) का वाहन खाई में गिरने की घटना में शहीद हुए कुमाऊं रेजीमेंट के जवान हिमांशु नेगी (Martyr Himanshu Negi) का पार्थिव शरीर 2 जुलाई की देर रात तक काशीपुर पहुंचेगा।

गलवन घाटी झड़प (Galwan Valley Violence) के एक साल पूरे हो चुके हैं। इस हिंसक झड़प में पंजाब के चीमा के नजदीकी गांव तोलावाल के गुरबिंदर सिंह शहीद हो गए थे।

भारत के जवान अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। मेरठ से एक साल में 6 जवान देशसेवा के दौरान शहीद हुए हैं।

मध्य प्रदेश के रतलाम के ग्राम गुणावद निवासी लांसनायक कन्हैयालाल जाट (Kanhaiya Lal Jat) का राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।

32 साल के शहीद प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) यूपी के संभल जिले के चन्दौसी के रहने वाले थे। वह गांव चितौरा के मूल रूप से रहने वाले थे।

मदर्स डे के दिन 21 पंजाब रेजीमेंट के वीर जवान परगट सिंह (Pargat Singh) की अर्थी को कंधा देते हुए उनकी मां को जिसने भी देखा, उसका कलेजा दर्द से फट गया।

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