गोलियां और ग्रेनेड के छर्रे लगने के बाद भी डटा रहा यह दिलेर, मार गिराए थे जैश के तीन आतंकी
सिंह को इस दौरान आतंकियों की ओर से दागी गईं गोलियां और ग्रेनेड के छर्रे भी लगे। पर, वह आतंकियों के सामने मजबूती से डटे रहे और उन्हें मार गिराने तक पीछे नहीं हटे थे।
कीर्ति-चक्र पाने वाले CRPF के पहले जांबाज कॉन्सटेबल भृगुनंदन चौधरी की कहानी…
कमर के नीचे का हिस्सा बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद भृगुनंदन चौधरी (Constable Bhrigu Nandan Choudhary) के हौसले पस्त नहीं हुए। वे असहनीय दर्द के बावजूद रेंगते हुए आगे बढ़ते रहे और उन्होंने आधा दर्जन नक्सलियों को मार गिराया।
आईपीएस विनोद कुमार चौबे: मिसाल बन गई जिनकी शहादत, 22 सितंबर को होंगे रिटायर
नक्सलियों से मुठभेड़ जारी थी कि तभी सूचना मिली, यात्रियों से भरी एक बस गोलीबारी के बीच फंस गयी है। विनोद कुमार अपने जान हथेली पर रख गोलियों के बीच से निकल बस तक पहुंच गए और बस को गोलीबारी के बीच से हटा गांव के लिए सुरक्षित रवाना किया।