Kargil War

कई सालों तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रह चुके शक्ति सिन्हा ने अपनी किताब 'Vajpayee: The Years That Changed India' में इस बात का खुलासा किया है।

Kargil War: 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई सैन्य संघर्ष होते रहे। दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण की वजह से भी तनाव और बढ़ गया था।

पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था। पाकिस्तान ने कारगिल के ऊंचाई वाले सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर धोखे से कब्जा किया हुआ था।

सेना के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी कि वे इन पोस्टों को अपने कब्जे में वापस कैसे ले। पाकिस्तान जिन पोस्टों पर था वहां से सैनिकों के मूवमेंट और स्ट्रैटजी को पहले ही जाना जा सकता था।

बोफोर्स तोपें 27 किलोमीटर की दूरी तक गोले दाग सकती हैं। हल्के वजन के वजह से इसे युद्धभूमि में कही भी तैनात करना और यहां-वहां ले जाना आसान होता है।

Indian Army: कुछ सैनिक ऐसे थे जो जंग के मैदान में शहीद हो गए थे। ऐसे ही एक जवान सुरेंद्र भी थे। सुरेंद्र ने अपने साथियों के साथ ऐसा हमला किया कि पाक के करीब 20 जवान मौके पर ही ढेर हो गए थे।

आज यानी 9 सितंबर का दिन भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिन है। साल 1974 में इसी दिन भारत के हीरो और करोड़ों देशवासियों के दिल में राज करने वाले विक्रम बतरा (Vikram Batra) ने जन्म लिया था।

Kargil War: कई तस्वीरें तो ऐसी थीं जिसमें जवान कंधों पर हथियार और सामान लादकर कई-कई किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई करते नजर आए थे।

कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान कई सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर इन जवानों ने देशप्रेम और बहादुरी का परिचय दिया था।

'मेरी आंखों के सामने राजपूत रेजीमेंट के तीन जवान शहीद हो गए। उन दिनों सिर्फ मौत का खतरा मंडराया रहता था लेकिन देशसेवा का इससे बड़ा मौका हमें नहीं मिलने वाला था।'

सेना द्वारा अबतक कई बार इस रणनीति का इस्तेमाल कर आतंकवादियों और पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर किया जा चुका है। यह कोई आसान रणनीति नहीं होती क्योंकि दुश्मन भी अपनी सुरक्षा के लिए चौकस रहते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से पटखनी दी गई थी। पाकिस्तान को हराकर हमारे सैनिकों ने उन सैनिकों की शहदात का बदला लिया था

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया गया था। सेना (Indian Army) किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए हमेशा तैयार रहती है।

पाकिस्तानी सेना कई गुना फायदे में थी, क्योंकि हमारे जवान नीचे से ऊपर की ओर चढ़ाई कर लड़ने आ रहे थे। दुश्मनों के पास पहुंचने के लिए कई-कई किलोमीटर चढ़ाई करनी पड़ी थी।

भारतीय सेना (Indian Army) ने जंग में दुश्मन का सामना करने के लिए मिराज विमानों में इजराइली किट का इस्तेमाल किया था, जिसे इजरायल (Israel) लिटनिंग लेजर डिजाइनर पॉड कहते हैं।

इजरायल (Israel) सीमा नियंत्रण और आतंकवाद का मुकाबला करने में प्रौद्योगिकी और अनुभव वाला देश है। इजरायल का बीते कई दशकों से फ्लीस्तीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है।

Kargil War: किसी भी जंग को जीतने के लिए बेहतर क्वालिटी के हथियारों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे हथियार रूस के पास थे और उन्होंने हमें दिए।

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