Ex-naxal

नक्सली संगठन (Naxal Organizations) आजकल एनकाउंटर से अधिक सरकारों द्वारा आत्मसमर्पण के लिए चलाए जा रही कल्याणकारी नीतियों एवं पुनर्वास योजनाओं से डर रहे हैं।

चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। देश के हर वयस्क नागरिक को चुनाव में मत देने का अधिकार है। हर जागरूक मतदाता कुछ आशा और एजेंडे पर वोट करता है।

कुछ दशक पहले जो एक नक्सलवादी था आज वह रिवर-वॉरियर है। इस नदी को बचाने की खातिर इन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी।

बंदूक और आतंक के सहारे सत्ता परिवर्तन का ख़्वाब देखने वाले नक्सली भी देर-सबेर प्यार में पड़ ही जाते हैं। कुछ का प्रेम परवान चढ़ता है, कुछ पुलिस की गिरफ्त में जा फसंते हैं या गोलियों का शिकार हो जाते हैं तो कुछ लोग संगठन को ही हमेशा के लिए अलविदा कह देते हैं।

30 पूर्व नक्सलियों ने क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ स्टेडियम में देखा मैच। इनको देख कर कोई कह सकता है कि इन हाथों में पहले हथियार हुआ करते थे?

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