Chhattisgarh

बुधवार सुबह लगभग 08.15 बजे जब जवान तुलारगुफा और मंगारी गांव के मध्य जंगल में थे, तभी नक्सलियों (Naxalites) ने पुलिस टीम पर गोलीबारी शुरू कर दी।

नक्सली जयसिंह कई नक्सली वारदातों में संलिप्त रहा है। जिसमें दो साल पहले ही कड़ेमेटा कैम्प अटैक, बोदली-मालेवाही रोड में आईईडी लगाकर बोलेरो वाहन को विस्फोट से उड़ाना और बोदली-मालेवाही रोड में पुलिस टीम पर हमला करने की घटना में शामिल था।

पुलिस अधिकारियों ने नक्सलियों (Naxalites) को प्रशासन से मिलने वाली पुनर्वास सुविधाओं का लाभ देने का भरोसा दिया, साथ ही प्रोत्साहन राशि का चेक भी वितरित किया।

जिला बल और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के ज्वाइंट टीम सोमवार को नक्सल विरोधी अभियान में बेचापाल के स्कूलपारा और गायतापारा की ओर रवाना किया गया था। इसी दौरान जवानों ने घेराबंदी कर तीन नक्सल सहयोगियों को दबोच लिया। 

बीजापुर जिले के तोंगपाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत चेरपाल गांव में सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर नक्सली रैनु ओयाम (21) को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली के सिर पर 10 हजार रुपए का इनाम है।

इस हमले के लिए जिम्मेदार नक्सलियों (Naxalites) की छानबीन के लिए अतिरिक्त जवानों को बुलाकर आस-पास के गावों और जंगलों की छानबीन तेज कर दी गई है और जल्द ही बड़ी कामयाबी मिलने की उम्मीद है।

इस नक्सली हमले में प्रधान आरक्षक टुकेश्वर ध्रुव और जितेन्द्र मंडावी समेत चार जवान घायल हो गए। घायलों में से तीन जिला बल और एक छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल का जवान है।

टॉप नक्सल कमांडर मांडवी उर्फ हिडमा सुरक्षाबलों के छीने हथियार और रॉकेट लॉन्चर से हमले की फिराक में है। ऐसे में नक्सलियों (Naxalites) के इरादे को ध्वस्त करने के लिए सुरक्षाबलों ने भी अपनी पुख्ता तैयारी कर ली है।

सुरक्षाबल के जवान रविवार को बीजापुर के जंगलों में छानबीन के लिए निकले थे। इसी दौरान चेरला-पामेड़ सड़क मार्ग के पास से ही 6 लोगों को संदिग्ध परिस्थिति में गिरफ्तार किया।

जंगल से बरामद सामान में  1 एचई बम, 66 बीजीएल सेल, 3 क्षतिग्रस्त मोर्टार, 25 मीटर कोर्डेक्स वायर, 17 इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर, 5 मीटर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रानिक वायर, 7 एचडी काट्रिज, 12 पैकेट स्टील बाल बेरिंग सहित अन्य विस्फोटक शामिल है। 

घायल महिला को जंगल से निकालकर फौरन भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों की एक टीम गठित कर हमले के लिए जिम्मेदार नक्सलियों (Naxalites) की तलाश शुरू कर दी गई है।

नक्सली मीठू 2008 में प्लाटून सदस्य क रूप में नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था। सितंबर 2009 में वह माड़ डिवीजन के सदस्य रणदेर का गार्ड बना। सितंबर 2016 को सेक्शन बी का कमांडर बनाया गया फिर नवंबर 2018 में 16 नंबर प्लाटून के डिप्टी कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई। 

जीड़ाबागु नाले के पास पुलिस टीम पर फायरिंग और ब्लास्ट में इन्ही चारों नक्सलियों का हाथ था। इस हमले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट तिर्की शहीद हो गये थे।

दो दिन पहले भी कांकेर जिले में ही आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) ने गुमझीर गांव में लगे मेले के दौरान एक नगर सेना के जवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसकी भी जांच बड़े पैमाने पर चल रही है।  

आधा दर्जन नक्सलियों (Naxalites) का एक दस्ता मुर्गा बाजार पहुंचा और देसी कट्टे से जवान की गोली मार कर हत्या कर दी।घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए।

आत्मसमर्पण करने वाले इन सभी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस टीम पर हमले, सड़क छतिग्रस्त, ग्रामीणों की हत्या व लेवी वसूलने जैसे कई मामले दर्ज हैं

17 मार्च को हथियारबंद नक्सलियों (Naxalites) का एक समूह यालम के घर पहुंचा और उसे बाहर ले जाकर धारदार हथियार से काटकर उसकी हत्या कर दी।

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