Army

सेना के सीनियर अधिकारियों द्वारा ऐसी रणनीतियों पर काम होता है। लेकिन जंग के मैदान में सीनियर अधिकारी नहीं बल्कि निचली रैंक के जवान होते हैं।

किसी भी देश की सुरक्षा के लिए सेना या आर्मी सबसे अहम होती है। जिस देश की आर्मी जितनी ताकतवर होती है, वह देश उतना ही शक्तिशाली होता है।

Indian Army: हर युद्ध हमने अपने किसी ने किसी वीर सपूत को खोया है। वीर सपूत जितना मजबूत होते हैं उनकी फैमिली भी उतनी ही बहादुर होती है।

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी (NSG) देश के सबसे घातक कमांडो फोर्स है। इसे ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है। इन कमांडोज को दुनिया के सबसे बहादुर कमांडोज में से एक माना जाता है।

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के बारामूला के सोपोर में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिद्दीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकियों के ठिकाने (Terrorist Hideout) का भंडाफोड़ किया है।

इसे बनाने के लिए बादाम और गुड़ मिलाया जाता है। फिर इन दोनों को पत्थर पर कूटते हैं, उसके बाद सेंकते हैं। सेंकने पर जब तेल निकलने लगता है, तो इसके लड्‌डू बना लेते हैं।

जंग का मैदान एक ऐसी जगह होती है जहां पर कब कौन किस पर भारी पड़ जाए पता नहीं चलता। जंग के मैदान में सैनिकों को बेहद ही अलर्ट रहना पड़ता है।

भारत के सैनिक सीमा पर देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। अपनी जान की बाजी लगाकर सैनिकों ने कई मौकों पर इस बात को साबित भी किया है। सैनिकों के अंदर देश के लिए कुछ कर जाने का एक जज्बा होता है।

बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) भारतीय सेना (Indian Army) का एक बेहद ही अहम हिस्सा है। बिहार रेजीमेंट के जवान घुसैपठ को नाकाम करने और मौके पर मोर्चा संभाल कर स्थिति को अपने कंट्रोल में लेने में माहिर होते हैं।

भारत और पाकिस्तान बंटवारे के बाद 1948 में जंग (War of 1948) के मैदान में आमने-सामने थे। भारत और पाकिस्तान का 1947 के में विभाजन हो गया था।

पूरे मैच के दौरान उनकी निगाहे जाकिर को ढूंढ रही थीं लेकिन वो नदारद था। उनके दिमाग में अजीब से ख्याल आ रहे थे। शायद बीमार तो नहीं हो गया या फिर नूरपुरा वालों ने उसे मुखबिर करार दे कर अलग तो नहीं कर दिया।

पाकिस्तान भारत को हर मोर्चे पर कमजोर मान रहा था। पाकिस्तान ने सोचा था कि 1962 में चीन के हाथों मिली हार के बाद भारत कमजोर पड़ चुका है। पाकिस्तान की यह भूल उसे सबसे ज्यादा भारी पड़ गई। जंग हुई और पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

युद्ध में पाक लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी के पास सिर्फ ढाका में ही 26400 सैनिक थे, जबकि जैकब सिर्फ 3000 सैनिक लेकर भारी पड़े थे।

सेना (Army) में जाने के इच्छुक युवाओं को काफी पहले से ही तैयारी करनी पड़ती है। इसमें फिजिकल टेस्ट के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी होती है। परीक्षा में जनरल नॉलेज विषय में जैसे, इतिहास, खेल, अर्थवयवस्था और विज्ञान से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

बजट, सक्रिय व असक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या, वायु, समुद्री, जमीनी और परमाणु संसाधन, औसत वेतन और उपकरणों की संख्या समेत कई तथ्यों पर विचार करने के बाद ‘सेना की ताकत सूचकांक’ तैयार किया गया है।

नरेंद्र चौधरी भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते (Bomb disposal squad) का हिस्सा रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ व अन्य नक्सल-प्रभावित इलाकों में कार्यरत रहे चौधरी ने बेखौफ ही इस काम को अंजाम दिया।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान दुश्मनों को छलनी करने के लिए किसी भी हद तक गुजरने के लिए तत्पर रहते हैं। किसी भी देश की सेना तभी मजबूत मानी जाती है जब उसे सारी सहुलियतें दी जाएं। सेना के जवान दिन रात कड़ी मेहनत कर सरहद की रक्षा करते हैं।

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