9 साल की उम्र में नक्सलियों ने कर लिया था अगवा, चंगुल से यूं निकल आज जी रही है बेहतर जिंदगी

साल 2009 में 9 साल की इस मासूम को जब झारखंड से नक्सलियों ने अगवा किया तो उसे जरा भी इल्म नहीं था कि उसके साथ क्या हुआ। सारंडा के जगलों में जब करीब 400 नक्सलियों के बीच एक दिन इस लड़की ने खुद को पाया तो हक्का-बक्का रह गई।

9 साल की उम्र में नक्सलियों ने किया अपहरण, नक्सली, झारखंड से नक्सलियों ने अगवा किया, नक्सली संगठन, नक्सली कमांडर, झारखंड, जेएलएसपीएल, आजीविका मिशन

9 साल की उम्र में नक्सलियों ने किया था अगवा। सांकेतिक तस्वीर।

महज 9 साल की उम्र में नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया। लेकिन शायद उसकी किस्मत औरों की तरह इतनी कमजोर नहीं थी। यह बच्ची आज बड़ी हो चुकी है और जहां भी है वहां वो चैन और सुकून की जिंदगी गुजार रही है। ना तो हम इस लड़की नाम और पता आपको बता सकते हैं और ना ही उसका चेहरा आपको दिखा सकते हैं क्योंकि नक्सली शायद अब भी उसकी तलाश में लगे हैं। ऐसे में उनकी पहचान उजागर करना उसके के लिए अब खतरे से खाली नहीं होगा। लेकिन इस लड़की की कहानी बेहद चौंकाने वाली है।

साल 2009 में 9 साल की इस मासूम को जब झारखंड से नक्सलियों ने अगवा किया तो उसे जरा भी इल्म नहीं था कि उसके साथ क्या हुआ। सारंडा के जगलों में जब करीब 400 नक्सलियों के बीच एक दिन इस लड़की ने खुद को पाया तो हक्का-बक्का रह गई। वो कई दिनों तक नक्सलियों के चंगुल से निकलने के लिए तड़पती रही लेकिन उसके लिए यह काफी मुश्किलों भरा रहा। छोटी सी बच्ची नक्सलियों के आगे हाथ जोड़ती फिरती थी कि वो उसे आजाद कर दें लेकिन वहां उसकी सुनने वाला कोई नहीं था।

7 साल तक वो नक्सलियों के साथ बीहड़ों में इधर-उधर घूमती रही। संगठन में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार ने इस लड़की को दहशत में डाल दिया था। एक दिन किसी तरह वो नक्सली कमांडर को इस बात के लिए राजी करने में कामयाब हो गई कि वो उसे घर जाने देंगे। लेकिन नक्सली कमांडर ने उस वक्त यह शर्त रखी कि जल्दी ही उसे वापस नक्सली संगठन में आना होगा। जैसे ही यह लड़की अपने घर लौटी, मौका देख उसके घर वालों ने उसकी शादी करवा दी और वह अपने पति के साथ ससुराल चली गई। इस दौरान लड़की बार-बार नक्सली कमांडर की बातों को याद कर खौफजदा रहती थी कि कहीं वो एक बार फिर उसे अगवा ना कर लें।

इस बीच नक्सली लड़की के माता-पिता के घर भी पहुंचे थे लेकिन घरवालों ने लड़की का पता उन नक्सलियों को नहीं बताया। इसी बीच लड़की को जेएलएसपीएल (आजीविका मिशन) द्वारा संचालित महिलाओं के ग्रुप के बारे में पता चला। वह चुपचाप इस ग्रुप में शामिल हो गई। ग्रुप से आर्थिक मदद लेकर उसने छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर दिया। आज उसकी जिंदगी बदल गई है। इस महिला ने आज अपना घर भी बनाया है और पति के साथ खुशहाल शादीशुदा जिंदगी गुजार रही है।

नोट- रजनी एक काल्पनिक नाम है। इसके वास्तविक नाम को  प्रकाशित नहीं किया जा सकता क्योंकि वास्तविक नाम छापने से नक्सलियों का समूह फिर महिला तक पहुंच जाएगा।

नक्सलवाद को उखाड़ फेंकने के लिए सरकार का एक और प्लान

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें