पिछले 4 सालों में नक्सली हिंसा में 43 फीसदी की कमी

Naxal

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने देश के विभिन्न राज्यों में फैले नक्सलवाद (Naxal Violence) के मामले में संसद में कहा कि पिछले चार साल में 3,169 वामपंथी उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया।

Naxal

किशन रेड्डी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नक्सली हिंसा (Naxal Violence) में 43 फीसद की कमी आई है। उन्होंने कहा कि 2016 से इस साल 15 नवम्बर तक कुल 3169 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत सरकार और राज्य सरकारों की राष्ट्रीय नीति और कार्य योजनाओं को सख्ती से जमीनी स्तर पर लागू करने की वजह से नक्सली हिंसा (Naxal Violence) और इसके प्रचार-प्रसार में लगातार कमी आई है। उन्होंने बताया कि साल 2009-2013 की तुलना में साल 2014-18 के दौरान नक्सली हिंसा (Naxal Violence) में 43 फीसदी की कमी आई है। किशन रेड्डी ने बताया कि साल 2018 में देश के विभिन्न राज्यों में नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या घट कर महज 60 रह गई जिससे पता चलता है कि इसके विस्तार में कमी आई है। 2010 में देश भर में ऐसे जिलों की संख्या 95 थी जो अब घटकर केवल 10 जिलों में ही रह गई है।

भारतीय सेना के शौर्य से परास्त पाक, खालिस्तानी आतंकियों की कर रहा है मदद

पथराव में हुर्रियत नेताओं का हाथ

वहीं गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को बताया कि कश्मीर घाटी में पथराव की घटनाओं के पीछे अलगाववादी समूहों और कार्यकर्ताओं का हाथ रहा है जो हुर्रियत कॉन्फ्रेन्स से जुड़े हैं। रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि प्राप्त खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों, पथराव और सुरक्षा बलों पर हमलों आदि के लिए सीमा पार से हवाला माध्यम से धन भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया जांच से खुलासा हुआ है कि कश्मीर घाटी में पथराव की घटनाओं के पीछे हुर्रियत %B

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें