झारखंड पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 6 कुख्यात नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सरेंडर करने वाले नक्सलियों में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सली ताला दा की पत्नी भी है।

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झारखंड में अब तक की सबसे बड़ी नक्सली आत्मसमर्पण, अधिकतर आत्म समर्पित नक्सली इनामी

झारखंड के दुमका में सबजोनल कमांडर पीसी दी समेत 6 नक्सलियों ने हथियार के साथ सरेंडर कर दिया। 17 जून को इन सभी ने पुलिस के आला अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सबजोनल कमांडर और पांच लाख की इनामी महिला नक्सली पीसी दी ने एके 47 के साथ, एक लाख का इनामी सिधो मरांडी इंसास रायफल के साथ, सबजोनल कमांडर किरण दी कार्बाइन के साथ, एक लाख इनामी प्रेमशिला देवी, सुखलाल देहरी पिस्तौल के साथ और भगत सिंह किस्कू ने रायफल के साथ सरेंडर किया। गौरतलब है कि साल 2019 में अब तक झारखंड में कुल 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों में शामिल किरण दी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सली ताला दा की पत्नी है। किरण के खिलाफ 16 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं पीसी दी के पति सुखलाल देहरी ने भी पुलिस के सामने हथियार डाल दिये हैं। पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि हार्डकोर महिला नक्सली पीसी दी जल्द ही दुमका में सरेंडर कर सकती है। उसके साथ दस्ते में शामिल कुछ अन्य नक्सली भी सरेंडर कर सकते हैं। पीसी दी दुमका के काठीकुंडा थाना क्षेत्र स्थित कंडा पहाड़ी की रहने वाली है। उसके खिलाफ झारखंड पुलिस ने पहले से ही पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि पीसी दी दुमका पुलिस के संपर्क में आ चुकी है और पुलिस जल्द ही पीसी दी सहित अन्य नक्सलियों के सरेंडर की घोषणा कर सकती है। आखिरकार इन सब ने 17 जून को सरेंडर कर दिया।

मिली जानकारी के अनुसार सरेंडर करने वाले सभी नक्सली कई दिन पहले ही पुलिस के संपर्क में आ गए थे। लेकिन पुलिस के संपर्क में आने या उसके आधिकारिक रूप से सरेंडर की घोषणा नहीं की गयी थी। झारखंड सरकार के प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सभी ने अपने-अपने परिजनों के माध्यम से आवेदन दिया था कि वे सरेंडर करना चाहते हैं। ये सभी नक्सली दुमका और संथाल परगना के अन्य जिलों में सक्रिय थे। सभी सबजोनल कमांडर ताला दा उर्फ सहदेव राय के दस्ते में सक्रिय थे। इस दस्ते के लिए काम करते हुए इन्होंने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया था।

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ताला दा 13 जनवरी, 2019 को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। सुखलाल देहरी और प्रेमशीला देवी को छोड़कर सभी चार नक्सली काठीकुंड थाना क्षेत्र में 2 जुलाई, 2013 को पाकुड़ में एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकांड में शामिल थे। इनके विरुद्ध दुमका जिला में कई केस दर्ज हैं। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत पुलिस की ओर से तत्काल एक-एक लाख रुपये दिये गए हैं। नीति के तहत दी जाने वाली अन्य सुविधाएं भी इन्हें जल्द ही दे दी जायेंगी। इतना ही नहीं, इन सभी को व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही इन सभी नक्सलियों को अपना केस लड़ने के लिए सरकार की ओर से वकील भी उपलब्ध कराया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि जनवरी, 2019 में पुलिस और एसएसबी के जवानों के साथ शिकारीपाड़ा के छातु पहाड़ी जंगल में नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में नक्सली सहदेव राय उर्फ ताला दा की मौत हो गयी थी। मुठभेड़ में गिरिडीह के हार्डकोर नक्सली हितेश उर्फ पवित्र दा और हार्डकोर नक्सली पीसी दी के अलावा विजय के शामिल होने की बात सामने आयी थी। मुठभेड़ के दौरान विजय और पीसी दी को गोली लगाने की बात भी सामने आयी थी, लेकिन वे मुठभेड़ स्थल से भाग निकलने में सफल रहे थे। वहीं ताला दा के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद कैडर के लिए नये नक्सली नहीं मिल रहे थे। इलाके में संगठन का नेतृत्व कमजोर हो गया था। अब नक्सलियों का संगठन से मोह भंग हो रहा है और वे लगातार सरेंडर कर रहे हैं। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच वर्षों में झारखंड में 94 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

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