छत्तीसगढ़: रंग ला रही है महिला कमांडोज की मेहनत, इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों और महिला कमांडोज की बातों से प्रभावित होकर 1 लाख के इनामी नक्सली (Naxali) ने सरेंडर कर दिया। यह सरेंडर पोटाली कैंप में हुआ।

Naxali

सुरक्षाबलों और महिला कमांडोज की बातों से प्रभावित होकर 1 लाख के इनामी नक्सली (Naxali) ने सरेंडर कर दिया।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों और महिला कमांडोज की बातों से प्रभावित होकर 1 लाख के इनामी नक्सली (Naxali) ने सरेंडर कर दिया। यह सरेंडर पोटाली कैंप में हुआ।

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सुरक्षाबलों और महिला कमांडोज की बातों से प्रभावित होकर 1 लाख के इनामी नक्सली ने सरेंडर कर दिया।

हाल ही में इलाके में सीएएफ (छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स) के इस कैंप को शुरू किया गया है। सरेंडर करने वाले नक्सली (Naxali) का नाम मुचाकी मुल्ला बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, पोटाली कैम्प में तैनात डीआरजी (डिस्ट्रीक्ट रिजर्व गार्ड) और दंतेश्वरी महिला फाइटर्स की कमांडो स्थानीय गोंडी भाषा में गांव वालों को नक्सलियों की असलियत बता रही हैं। साथ ही, नक्सलियों का साथ छोड़ने के फायदे भी ग्रामीणों को स्थानीय भाषा में समझाए जा रहे हैं। इसी वजह से प्रभावित होकर मुल्ला ने नक्सलियों का साथ छोड़ दिया।

सरेंडर करने वाला मुचाकी गोगुंडा, अरनपुर नेंडीपारा का रहने वाला है। यह बड़े नक्सली (Naxali) लीडरों का बेहद करीबी बताया जाता है। पुलिस का कहना है कि जब भी कभी नक्सली गांव में आया करते तो पहले रेकी करने का जिम्मा मुल्ला के पास ही था। यह देखा करता था कि कहीं फोर्स तो नहीं आ रही। ऐसा होने पर पटाखा फोड़कर यह नक्सलियों को आगाह किया करता था। इसके अलावा गांव में नक्सली नेताओं की बैठकों की व्यवस्था करता था।

इन्हीं बैठकों में नक्सली (Naxali) गांव वालों को सरकार और फोर्स के खिलाफ भड़काते हैं। मुल्ला, गोंदपल्ली आश्रम को तोड़ने, अरनपुर और पोटाली की सड़क काटने और पुलिया को नुकसान पहुंचाने की घटना में शामिल था। कई बार इसने फोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए स्पाइक होल बनाए और प्रेशर बम भी लगाए हैं। सरेंडर के बाद मुल्ला को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए गए। प्रशासन की योजना के तहत इसे रोजगार भी दिया जाएगा।

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