बिहार: गया में हार्डकोर महिला नक्सली (Woman Naxal) ने किया सरेंडर

बिहार के गया जिले में एक हार्डकोर महिला नक्सली (Woman Naxal) ने 5 नवंबर को गया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस महिला नक्सली ने संगठन में हो रही प्रताड़ना से तंग आकर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला लिया।

Woman Naxal

बिहार के गया जिले में एक हार्डकोर महिला नक्सली (Woman Naxal) ने 5 नवंबर को गया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

बिहार के गया जिले में एक हार्डकोर महिला नक्सली (Woman Naxal) ने 5 नवंबर को गया पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस महिला नक्सली ने संगठन में हो रही प्रताड़ना से तंग आकर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया।

Woman Naxal
गया में महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण किया

आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली (Woman Naxal) का नाम रीता बैगा उर्फ पूजा कुमारी है। वह आमस सोलर प्लांट उड़ाने, बांकेबाजार के सोनदाहा में हत्या और कोबरा टीम पर हमला करने सहित अन्य कई नक्सली घटनाओं में शामिल रही है। आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली (Woman Naxal) रीता बैगा मूल रूप से झारखंड की रहने वाली है। वह पलामू जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र के लरमी गांव के सुनील परहिया की बेटी है। वर्तमान में इसका परिवार बांकेबाजार थाना के महावीरगंज में रहता है। बताया जा रहा कि साल 2017 में वह नक्सली संगठन भाकपा माओवादी में शामिल हुई थी।

तब से वह 25 लाख के इनामी रहे सेन्ट्रल कमिटी सदस्य विजय यादव उर्फ संदीप यादव के दस्ते में थी और छकरबंधा पहाड़ी में सक्रिय थी। सरेंडर के बाद रीता बैगा ने संदीप के ठिकाने के संदर्भ में महत्वपूर्ण सुराग सुरक्षाबलों को बताए हैं। नक्सली रीता बैगा ने बताया कि उसके साथ पांच-छह लड़कियां उसके गांव के आस-पास से भी संगठन में भर्ती हुई थीं। उन सब का हाल एक जैसा ही है। रीता ने बताया कि उसकी सभी महिला साथी (Woman Naxal) नक्सलियों के शोषण से तंग आ चुकी हैं। वे नक्सली संगठन और इस खून-खराबे की दुनिया से बाहर निकलना चाहती हैं। लेकिन उन्हें इसका मौका नहीं मिल पा रहा है।

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महिला नक्सली रीता बैगा ने बताया कि संगठन में शामिल होने के बाद उसे पता चला कि भाकपा माओवादी अपने सिद्धांतों से पूरी तरह भटक चुकी है। वर्तमान में लूट-खसोट एवं शोषण का यह अड्डा बना है। संगठन के बड़े नेता लेवी के सारे पैसे लेकर जमीन, घर खरीद रहे और बच्चों को बड़े शहरों में पढ़ा रहे, वहीं संगठन के निचले दर्जे के सदस्यों और महिला दस्ते पर भी अत्याचार किया जाता है। संगठन में अत्याचार से तंग आने के बीच गया पुलिस और सुरक्षाबलों के द्वारा चलाए जा रहे कल्याणकारी योजनाओं से वह प्रभावित हुई और फिर उसने सरेंडर करने का मन बनाया। पुलिस के मुताबिक, रीता बैगा ने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया।

जिनमें आमस थाना के सांवकला में सोलर प्लांट को जलाने एवं बम विस्फोट कर उड़ा देने, आमस थाना के रेंगनिया में राजेश्वर पासवान को नक्सली हमला कर हत्या कर देने, डुमरिया थाना क्षेत्र में पुलिस बल पर फायरिंग करने, बांकेबाजार के सोनदाहा में उपेन्द्र साव का अपहरण कर गोली मारकर हत्या करने जैसे संगीन मामले शामिल हैं। लुटुआ थाना के बंदी पहाड़ी इलाके में ग्रामी बसडीहा के समीप नक्सली हमले में भी वह शामिल थी। इस हमले में कोबरा के उप निरीक्षक रौशन कुमार शहीद हो गे थे। इस मामले में भी पुलिस को रीता की तलाश थी। सिटी एसपी मंजीत श्योरेण के अनुसार, महिला नक्सली ने सरेंडर कर दिया है। उसने राह भटक कर नक्सली संगठन में शामिल हुए लोगों से भी अपील है कि वे भी सरेंडर कर दें और मुख्यधारा में शामिल हों।

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