नक्सल प्रभावित गांव में शराबियों से लोहा ले रहीं महिला कमांडोज़, अच्छे-अच्छे नशेड़ियों को लगा रहीं ठिकाने

बिठली की जनसंख्या करीब 1100 है, जिसमें मुंडघुसरी में 700 और बांधा टोला की आबादी 400 है। इन गांवों में लगभग हर घर में शराब बनती है। यहां रहने वाले पुरुष, युवक नशे और जुए के आदी हो रहे हैं।

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नक्सल प्रभावित बालाघाट में नशेड़ियों को लाइन पर ला रहीं महिला कमांडोज़।

मध्य प्रदेश में नक्सल प्रभावित बिठली के मुंडघुसरी और बांधा टोला गांवों में शराबियों पर अंकुश लगाने के लिए महिलाओं ने बीड़ा उठाया है। एक महीने पहले यहां पर ‘महिला कमांडो” नाम से महिलाओं ने संगठन बनाया। जो शराब पीने, बेचने और बनाने वालों को रोक रहा है। बिठली की जनसंख्या करीब 1100 है, जिसमें मुंडघुसरी में 700 और बांधा टोला की आबादी 400 है। इन गांवों में लगभग हर घर में शराब बनती है। यहां रहने वाले पुरुष, युवक नशे और जुए के आदी हो रहे हैं। किशोर और बच्चे भी इसकी जद में आ रहे हैं। इससे वे अपने काम पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। पुरूष घर में लड़ाई-झगड़े और मार-पीट करते हैं। इस समस्या से गांव को निजात दिलाने के लिए ग्राम पंचायत की लगभग 100 महिलाएं इकट्ठी हुई हैं और उन्होंने गांव को नशा मुक्त करने का जिम्मा उठाया है।

संगठन की मुखिया यशोदा बाई धुर्वे हैं। महिला कमांडो की यह टीम सुबह होते ही हाथ में लाठी लेकर निकल पड़ती है और शराब पीकर झगड़ा कर रहे शराबी, नशे की लत में शामिल बच्चों, शराब बेचने वालों और बनाने वालों के घर पहुंचकर इन्हें रोकने का प्रयास करती है। यह टीम शराबियों से सीधे उलझ भी जाती है और जुर्माना भी वसूल करती है। शराब के नशे में घर में उत्पात मचाने वाले एक शख्स से टीम ने पांच हजार जुर्माना भी वसूला है।

महिला कमांडो की मुखिया यशोदा बाई धुर्वे, सदस्य अंजुलता राहंगडाले सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि उनकी तो शराब के नशे में मारपीट खाकर और गरीबी में जिंदगी गुजर गई है। लेकिन दुख होता है जब गांव के बड़ों को देख बच्चे भी उनकी राह पर चलकर शराब के नशे में जुआ खेल अपने घर में ये सब करते हैं। इसलिए उन्होंने ठान लिया है कि आने वाली पीढ़ी को नशे का आदी नहीं होने देंगे। वे सुबह से लेकर रात तक गांवों में घर-घर पहुंचकर शराब से होने वाले नुकसान को बताकर इसे बंद कराने में सहयोग की मांग कर रही हैं। घर-घर बिक रही शराब से वर्तमान और भविष्य दोनों ही बर्बाद हो रहे हैं। शराब के नशे में झगड़ा, मारपीट से परिवार भी बिखरने की कगार पर पहुंच रहे हैं। इसे रोकने महिलाओं ने सराहनीय कदम उठाया है। महिलाओं के इस कदम का पंचायत भी हर कदम पर सहयोग कर रही है।

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