नक्सलवाद का सफाया करने के लिए सरकार पूरी तरह कमर कस चुकी है। इसको लेकर कई योजनाएं चल रही हैं। झारखंड पुलिस अब नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई के लिए अपनी तैयारियों को फुल-प्रूफ बनाने में लगी है। इसके लिए 13 फोकस एरिया डेवलपमेंट और बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान चल रहे हैं। नक्सलियों के सर इनाम की घोषणा हो चुकी है। लेवी और रंगदारी से जुटाई गई नक्सलियों की संपत्ति-जब्ती की कार्रवाई भी चल रही है। साथ ही राज्य पुलिस खुद को नए और आधुनिक तकनीकि वाले उपकरणों से लैश कर रही है।पुलिस-टीम में अब एक नया उपकरण जुडऩे जा रहा है। जो नक्सलियों के खात्मे के लिए मददगार साबित होगा। इस उपकरण का नाम है माइक्रो अन्मैन्ड एरियल व्हेकिल (UAV) है।
यूएवी (UAV) यह एक तरह का कैमरा है, जो हवा में उड़ सकता है। साथ ही, यह दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में नक्सलियों का मूवमेंट पुलिस को बता सकता है। इसमें लगा कैमरा पुलिस को बताएगा कि नक्सली कहां छिपकर बैठे हैं। यूएवी (UAV) द्वारा दी गई इस जानकारी के अनुसार पुलिस उस क्षेत्र की घेराबंदी कर नक्सलियों तक पहुंच सकेगी। पुलिस मुख्यालय नक्सल क्षेत्रों में अभियान को और अधिक सफल बनाने के लिए यूएवी खरीदने की पूरी तैयारी कर चुका है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही 20 यूएवी खरीदने के लिए निविदा भी निकाली जा चुकी है। जिस कंपनी के यूएवी पुलिस के मानकों पर खरे उतरेंगे, उसे खरीदा जाएगा।
दरअसल, करीब पांच साल पहले ही यूएवी खरीदने की पहल हुई थी। जिस कंपनी का यूएवी खरीदा गया था, उसका परीक्षण रांची के टाटीसिलवे के जंगल में किया गया था। परीक्षण के दौरान वह यूएवी टाटीसिलवे के जंगल में खो गया था। यह परीक्षण असफल रहा था। इसके बाद पुलिस ने उस यूएवी को खरीदने से इंकार कर दिया था। अब फिर एक बार यूएवी खरीदने की पहल की गई है।
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