भारत में छिपे आतंकियों को दुबई से भी मिल रही मदद, पाकिस्तानी दूतावास के जरिए होती है फंड की हेरा-फेरी

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल के जवानों पर पत्थरबाजी करने वालों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा विगत कई वर्षों से लगातार मदद की जा रही है। पत्थरबाज़ों को आईएसआई के साथ-साथ दुबई से भी आर्थिक मदद मिलती रहती है। इनकी मदद में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास भी साथ देता है।

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जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल के जवानों पर पत्थरबाजी करने वालों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा विगत कई वर्षों से लगातार मदद की जा रही है। पत्थरबाज़ों को आईएसआई के साथ-साथ दुबई से भी आर्थिक मदद मिलती रहती है। इनकी मदद में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास भी साथ देता है। मीडिया सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि पत्थरबाजों से लेकर आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद सीमा पार से आती है। लिहाजा, भारतीय जांच एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में बैठे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों पर कार्रवाई तेज़ कर दी है।

जो भी संगठन इसमें लिप्त हैं उनकी सम्पत्ति जब्त की जा रही है। 16 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय ने अहमद शाह वटाली की 6.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। जांच एजेन्सियां इन कारनामों में लिप्त तमाम लोगों का पता लगा रही हैं और उन पर कार्यवाही कर रही हैं। पत्थरबाजों को जो भी आर्थिक या अन्य मदद मिलती है, वह आतंकियों के गुर्गों द्वारा मुहैया कराई जाती हैं। इसके लिए अलगाववादी और हुर्रियत संगठनों का नाम सामने आया है। जांच एजेंसियों को इन संगठनों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद जो दस्तावेज मिले हैं, उनसे स्पष्ट है कि भारत में आतंक फैलाने में आईएसआई के अलावा दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं।

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जांच एजेंसियों को शक न हो, इसके लिए पाकिस्तान और दुबई से आने वाला फंड पाकिस्तानी दूतावास के जरिए कश्मीर में पहुंचाया जाता है। भारत में आतंकी फंडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के चलते प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के सात आतंकियों से जुड़ी 13 संपत्तियों को कुर्क कर दिया था। ये सारी संपत्ति जम्मू-कश्मीर में हैं, जिनमें मोहम्मद सफी शाह की संपत्ति भी शामिल है। सफी शाह उर्फ डॉक्टर ही इस आतंकी फंडिंग का मास्टरमाइंड रहा है। वह पाक और दुबई से आने वाला पैसा आतंकियों को पहुंचाने में मदद करता था।

उसकी खुद की संपत्ति भी इस फंडिंग की वजह से बढ़ती जा रही थी। ईडी ने अपने बयान में बताया कि जांच में पता चला है कि ‘टेरर फंडिंग’ को भारत में हवाला और दूसरे चैनलों के जरिए भेजा जाता है। शाह कथित टेरर फंडिंग के एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। यही नहीं, पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने गुड़गांव में आतंकी हाफिज सईद के पैसे से ख़रीदा गया एक विला जब्त किया था। इस विला की कीमत 1.03 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस विला को श्रीनगर के कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली ने अपने नाम पर खरीदा था।

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