एक तरफ काउंटिंग चल रही थी, दूसरी तरफ जवान ड्यूटी पर डटे थे और फिर…

देशभर में लोग लोकसभा चुनाव के नतीजों को जानने में व्यस्त थे। उसी वक्त सुरक्षाबल के जवान मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। इसी दौरान छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में उन्हें बड़ी सफलता हाथ लगी।

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एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत दंतेवाड़ा के बारसूर थाना के मुचनार में सुरक्षाबलों ने 3 इनामी नक्सलियों सहित 7 नक्सलियों को गिरफ्तार किया।

एक ओर 23 मई को जहां पूरे देश की निगाहें लोकसभा चुनाव के परिणामों पर टिकी थीं वहीं, दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाबल अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। दंतेवाड़ा के जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने 7 नक्सलियों को गिरफ्तार किया। जिनमें 2 महिला नक्सली भी शामिल हैं। गिरफ्तार नक्सली पंडाराम कश्यप, संतु कश्यप, तोडमा जनमिलिशिया कमांडर फगड़ू कश्यप, जोग कश्यप, केएएमएस अध्यक्ष रैमती माडवी, सीएनएम सदस्य सन्नी अवलम और सीएनएम कमांडर मुद्दा ओयाम हैं।

जानकारी के अनुसार, एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत दंतेवाड़ा के बारसूर थाना के मुचनार में सुरक्षाबलों ने 3 इनामी नक्सलियों सहित 7 नक्सलियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार नक्सलियों को मुचनार गांव के जंगलों में घेराबंदी कर पकड़ा गया। ये नक्सली कई सालों से नक्सल संगठनों से जुड़े हुए थे। इनका काम गांव के भोले-भाले लोगों, खास कर युवाओं को बरगला कर नक्सल संगठनों से जोड़ना था। विकास कार्यों में बाधा डालने, बम लगाने, पुलिस बलों पर हमला करने के साथ-साथ ये नक्सली रेकी करने का काम भी करते थे।

महिला नक्सली गांव वालों को डरा-धमका कर नक्सलियों के लिए वर्दी सिलवाने का काम करती थीं। इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित पंखाजूर के ताड़बौली गांव के जंगलों से दो खूंखार नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। सर्च ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ के जवानों ने इन दोनों हार्डकोर नक्सलियों को धर दबोचा। गिरफ्तार नक्सलियों में एक महिला और एक पुरुष हैं। इन पर हत्या, आगजनी, लूट समेत कई मामले दर्ज हैं।

गिरफ्तार नक्सलियों ने 9 जुलाई, 2018 को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के कांकेर स्थित मारबेड़ा कैंप पर आईडी ब्लास्ट किया था। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए थे। पकड़े गए दोनों नक्सली माओवादी संगठन (जनताना सरकार ताड़बौली) से पिछले कई सालों से जुड़े थे और लगातार नक्सली वारदातों को अंजाम दे रहे थे। इसमें मोरखांडी कांकेर निवासी नक्सली गत्ती मट्टामी प्रतिबंधित संगठन का अध्यक्ष भी रहा है।

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