पंजाब पुलिस ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया

पंजाब पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी में बैठे आतंकियों द्वारा खड़े किए जा रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।

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पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी में बैठे आतंकियों द्वारा खड़े किए जा रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है

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पुलिस ने केजेडएफ के एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।

पंजाब पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पंजाब मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी में बैठे आतंकियों द्वारा खड़े किए जा रहे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। यह संगठन पंजाब और पड़ोसी राज्यों में किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। पुलिस ने इस मॉड्यूल के 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। यह संगठन रणजीत सिंह उर्फ नीटा और जर्मनी में उसके सहयोगी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ डॉक्टर द्वारा चलाया जा रहा है। यह पाकिस्तान और जर्मन आतंकी संगठनों की तर्ज पर काम कर रहा है।

पकड़े गए आतंकियों के पास से पुलिस ने 5 एके-47 राइफल, 4 चाइनीज .30 पिस्तौल, 5 सैटेलाइट फोन, 9 हैंड ग्रेनेड, 2 मोबाइल फोन, 2 वायरलेस सेट और 10 लाख की नकली भारतीय करेंसी जब्त किए हैं। साथ ही इन आतंकियों द्वारा मोहाली के नंबर वाली एक स्वीफ्ट कार इस्तेमाल की जा रही थी, जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह के तौर पर हुई है। आकाश और बलवंत पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

प्राथमिक जांच में पता चला है कि आतंकियों को हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तानी सीमा की तरफ से संचालित ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। इस मामले पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि भारतीय वायुसेना और सीमा सुरक्षाबल को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए जाएं। डीजीपी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों ने स्थानीय स्लीपर सेल्स की सहायता से लोकल सदस्यों को ढूढ़ने और भर्ती करने का काम किया है। इनको सीमा पर से फंड किया जाता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आगे की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला लिया है।

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