पाक विदेश मंत्री का नया ड्रामा, SAARC की बैठक में नहीं लिया हिस्सा

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 26 सितंबर को दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन- दक्षेस (SAARC) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के शुरुआती संबोधन का बहिष्कार किया।

SAARC

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 26 सितंबर को दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन- दक्षेस (SAARC) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के उद्घाटन संबोधन का बहिष्कार किया

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 26 सितंबर को दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन- दक्षेस (SAARC) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के शुरुआती संबोधन का बहिष्कार किया। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (UNGA) के इतर 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में SAARC देशों की बैठक हुई। इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण के दौरान कुरैशी बैठक में नहीं गए।
SAARC
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के संबोधन का बहिष्कार करते हुए कुरैशी की ओर से कहा गया कि उनका देश भारत के साथ तब तक कोई सम्पर्क नहीं करेगा जब तक कि वह कश्मीर में पाबंदी समाप्त नहीं करता। हालांकि, वे बाद में सिर्फ आधे घंटे के लिए बैठक में शामिल हुए। पाकिस्तान के इस बर्ताव पर जयशंकर ने सार्क नेताओं के सामने कड़ी प्रतिक्रिया दी और अपना भाषण खत्म करने के बाद बैठक से निकल गए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने ट्वीट किया कि कुरैशी ने दक्षेस मंत्रियों की परिषद की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के शुरूआती संबोधन के समय शामिल होने से इनकार कर दिया। उसने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ तब तक कोई बातचीत शुरू नहीं करेगा जब तक वे कश्मीर में पाबंदी समाप्त नहीं करता।
उन्होंने कहा कि उन्हें कश्मीरियों के मानवाधिकारों की रक्षा करनी चाहिए, सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका संरक्षण हो और उनका दमन-शोषण नहीं किया जाए। कुरैशी जयशंकर के संबोधन के बाद ही वहां पहुंचे। बैठक के लिए देर से आने के बारे में पूछे जाने पर, कुरैशी ने कहा कि वह कश्मीर पर विरोध स्वरूप भारतीय मंत्री के साथ नहीं बैठना चाहते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह सिर्फ छूटे हुए अवसरों की कहानी नहीं है, बल्कि जानबूझकर आने वाली बाधाओं की भी है। आतंकवाद उनके बीच है। हमारा मानना है कि आतंकवाद को खत्म करना क्षेत्र के अस्तित्व के लिए पहली शर्त है। बैठक खत्म होने के बाद कुरैशी ने बताया कि SAARC देशों के प्रतिनिधियों ने तय किया है कि अगली बैठक इस्लामाबाद होगी। इसके लिए तारीख और समय तय होना बाकी है। SAARC दक्षिण एशियाई देशों का संगठन है। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका इसके सदस्य हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें