पाकिस्तान ने स्वीकार की कश्मीर मुद्दे पर अपनी हार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का ‘मिशन कश्मीर’ विफल हो गया है और 24 सितंबर को उन्होंने पहली बार स्वीकार किया कि कश्मीर को लेकर भारत पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने के अपने अभियान को मिली प्रतिक्रिया की कमी से वह निराश हैं।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूल किया कि उनका देश कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशों में नाकाम रहा।

पाकिस्तान ने आखिरकार स्वीकार कर लिया कि कश्मीर मसले पर उसकी हार हुई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का ‘मिशन कश्मीर’ विफल हो गया है और उन्होंने पहली बार स्वीकार किया कि कश्मीर को लेकर भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने के अपने अभियान को मिली प्रतिक्रिया की कमी से वह निराश हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूल किया कि उनका देश कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशों में नाकाम रहा और इस मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उन्हें निराश किया है। भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया।

उसने इस मुद्दे पर विश्व के देशों से समर्थन जुटाने की भरपूर कोशिश की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से कई मंचों पर बार-बार पाकिस्तान को नकारा गया, जबकि बहुत से देशों ने भारत का समर्थन किया है। इमरान खान ने 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में एक समाचार ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निराश किया है। क्या अगर आठ मिलियन यूरोपी नागरिकों या यहूदियों या आठ अमेरिकियों को ऐसे बंदी बनाकर रखा गया होता तो क्या तब भी ऐसी ही प्रतिक्रिया देखने को मिलती? मोदी पर अब तक कोई दबाव नहीं है। लेकिन हम दबाव बनाना जारी रखेंगे।”

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इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष को नजरअंदाज कर दिए जाने की वजह का जिक्र करते हुए भारत की आर्थिक स्थिति और वैश्विक प्रभुत्व को भी स्वीकार किया और कहा, “वजह यह है कि लोग भारत को 120 करोड़ लोगों के बाजार के तौर पर देखते हैं।” जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बोल रहे थे, उसमें पाकिस्तान के विदेश-मंत्री शाह महमूद कुरैशी तथा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी भी मौजूद थीं। जिस तरह से हर मौकों और मंच पर पाकिस्तान कश्मीर मसले को उठा रहा है, उससे उम्मीद जताई जा रही है कि 27 सितंबर को पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर से कश्मीर का रोना रो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क में हैं, जहां 27 सितंबर को दोनों नेता अपना संबोधन देंगे। भारत तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस वक्त संयुक्त राष्ट्र महासभा में शिरकत के लिए न्यूयार्क में मौजूद हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अलग-अलग द्विपक्षीय मुलाकात की है। वैसे, अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश को दोहराया है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह मध्यस्थता तभी करेंगे, जब दोनों देश उनसे ऐसा करने का आग्रह करें।

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