झारखंड: नक्सलियों के निशाने पर कारोबारी, गुमला में व्यापारी को अगवा कर की उसकी हत्या

नक्सलियों ने ब्रजेश को अगवा किया था और फिर उसकी हत्या कर दी।

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झारखंड के गुमला के बिशुनपुर में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने के शक पर एक कारोबारी की हत्या कर दी

नक्सलियों के उत्पात की खबरें हर दिन आ रही हैं। झारखंड के गुमला के बिशुनपुर में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने के शक पर एक कारोबारी की हत्या कर दी। कारोबारी का नाम ब्रजेश साहू है। 13 जून की शाम को नक्सलियों ने ब्रजेश को अगवा किया था और फिर उसकी हत्या कर दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच मामले की छानबीन में जुट गई। घटना को लेकर कटिया गांव और आस-पास के क्षेत्रों में दहशत फैल गया है। व्यवसायी की पत्नी मिथिला देवी के मुताबिक, ब्रजेश साहू अपनी दुकान पर था। उसी समय तीन नक्सली आए और उसको अगवा कर अपने साथ ले गये। बाद में उन्होंने कटिया स्कूल के पास ब्रजेश की हत्या कर दी।

नक्सलियों ने उसे तीन गोलियां मारीं। उससे पहले माओवादियों ने पास खड़े बीड़ी पत्ते से लदे ट्रक को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को मौके से नक्सलियों का पर्चा बरामद हुआ। जिसमें ब्रजेश साहू को पुलिस का मुखबिर बताते हुए उसे यह सजा देने की बात कही गई है। पर्चे में नक्सलियों द्वारा लोगों को धमकी भी दी गई है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर में नक्सलियों ने ऐसी ही करतूत को अंजाम दिया था। जिले के आमाबेड़ा थाने के कोतकुड़ गांव में 10 जून को नक्सलियों ने एक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली किसान की कनपटी में मारी गई।

इस दौरान किसान का बेटा भी उसके साथ था। मृत किसान देवेंद्र कुमार कटेंद्र लखनपुरी इलाके के चिनौरी गांव का रहने वाला था। नक्सलियों ने पिता-पुत्र दोनों को अगवा कर लिया था। नक्सलियों ने किसान को कोतकुड़ का जमींदार बताते हुए उसके खिलाफ गांव की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया। पिछले एक सप्ताह से देवेंद्र आमाबेड़ा में अपने पुत्र बंटी के साथ रहकर कोतकुड़ के खेत में मकान बनवा रहा था। 10 जून की सुबह लगभग 8.30 बजे पिता-पुत्र दोनों अपने खेत पहुंचे और वहां से खेत के बोर में नहाने चले गए।

इसी दौरान दो लोग बोर में पहुंचे और दोनों को अपने साथ ले गए। जंगल की ओर ले जाकर उन्होंने बेटे को पिता से अलग किया और फिर जमीन कब्जा करने तथा पुलिस से मिले होने का आरोप लगा कर नक्सलियों ने पिता की पिटाई शुरू कर दी। कुछ देर बाद माओवादी किसान को उसके निर्माणाधीन मकान के पास लेकर गए और कनपटी में बंदूक टिकाकर गोली चला दी। आवाज उसके पुत्र ने भी सुनी। गोली चलने के बाद पुत्र को चेतावनी देकर छोड़ दिया। उन्होंने पुलिस में शिकायत नहीं करने की धमकी दी।

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