छत्तीसगढ़: जवानों ने एक महिला नक्सली कमांडर को मार गिराया, बाकी नक्सली जान बचाकर भागे

करीब 4 घंटे तक दोनों ओर से चली फायरिंग में जवानों ने एक महिला नक्सली को मार गिराया।

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छत्तीसगढ़ के कांकेर-धमतरी सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 18 जून की सुबह मुठभेड़ शुरू हो गई।

छत्तीसगढ़ के कांकेर-धमतरी सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 18 जून की सुबह मुठभेड़ शुरू हो गई। नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाबल बॉर्डर से लगे कट्‌टी गांव में सर्च ऑपरेशन के लिए पहुंचे थे। मुठभेड़ में एक महिला नक्सली मारी गई है। उसके शव के पास से जवानों ने हथियार व अन्य सामान बरामद किया है। मारी गई महिला नक्सली के सीतानदी दलम की कमांडर है। उस पर 8 लाख रूपए का ईनाम था। जानकारी के मुताबिक, 18 जून तड़के करीब 4 बजे छत्तीसगढ़ पुलिस को सूचना मिली कि धमतरी-कांकेर सीमा से लगते कट्‌टी गांव में बड़ी संख्या में नक्सली इकट्ठे हुए हैं।

इस जानकारी के आधार पर जिला पुलिस के साथ ई-30 टीम के जवानों को मौके पर भेजा गया। गांव के करीब पहुंचते ही नक्सलियों ने जवानों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की। करीब 4 घंटे तक दोनों ओर से चली फायरिंग में जवानों ने एक महिला नक्सली को मार गिराया। मारी गई महिला नक्सली के बारे में बताया जा रहा है कि वह सीतानदी दलम कमांडर सीमा मंडावी हो सकती है। मारी गई सीमा मंडावी कुख्यात नक्सली सत्यम गावडे की पत्नी बताई जा रही है।

घटनास्थल से एक इंसास रायफल, दो मैग्जीन, पिट्ठू बैग, नक्सली साहित्य, दवाइयां और दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई। एसपी बालाजी राव के अनुसार, मारी गई नक्सली सीमा के खिलाफ विभिन्न थानों में हत्या, लूट, डकैती व आगजनी के कई मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि मौके पर 15 से 18 की संख्या में नक्सली मौजूद थे। फायरिंग करते हुए वह जंगल की ओर भागे। इस दौरान जवानों ने उनका पीछा किया। मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों के घायल होने की भी संभावना है।

पिछले 10 सालों से सीमा ने इलाके में अपनी दहशत फैला रखा था। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की रहने वाली सीमा उर्फ जरीना मंडावी 45 साल की थी। साल 2005 में माड़ इलाके में नक्सली संगठन में काम कर रही थी। माड़ के कुतुल इलाके में सक्रिय सीमा के काम को देखते नक्सलियों ने उसे महिला एलजीएस का सेक्रेटरी बनाया था।मैनपुर एरिया कमेटी में काम करते उसने 2014 में छिंदखड़क के सरकारी स्कूल के चपरासी पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगा अपहरण कर हत्या कर दी थी। 2017 में रावस सरपंच के पुत्र का अपहरण कर उसकी भी हत्या करने में भी शामिल रही।

इससे पहले कांकेर में ही सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी थी। सर्च ऑपरेशन पर निकली पुलिस टीम को 21 घंटे जंगल में खाक छानने के बाद यह कामयाबी मिली। पुलिस के अनुसार, जिले के अंतागढ़ इलाके में ताड़ोकी थाने के मुरनार गांव के पास 13 जून की रात को 4 नक्सलियों को मारा गिराया गया। जिनमें से दो की लाश बरामद कर ली गई। इस ऑपरेशन में बिना किसी मुखबिर की सूचना के ही टीम ने जंगल में मिल रहे सुरागों के आधार पर काम किया। जवानों के अनुसार, उन्हें जंगल में जूतों के निशान मिले और फिर गांव में कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनाई दी। इससे गांव में नक्सलियों के होने खबर पुख्ता हो गई और इंतजार के बाद उन्हें घेर लिया गया।

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