14 राज्यों से ISIS के 127 संदिग्ध गिरफ्तार, अधिकांश जाकिर नाईक से प्रभावित

ISIS
  • ISIS से संबंधित 28 मामलों में 127 संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी

  • 127 लोगों में से अधिकांश मुस्लिम धर्म गुरु जाकिर नाईक से प्रभावित

  • बंग्लादेशी प्रवासियों की आड़ में पैर पसार रहा है जमात-उल-मुजाहिदीन 

  • खालिस्तानी आतंकियों की आड़ में बड़ी घटना की फिराक में पाकिस्तान

  • पाकिस्तानी उच्चायोग के जरिए कश्मीरी अलगाववादियों को फंडिंग
    ISIS

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में NSA अजीत डोभाल की अगुवाई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)  के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) के डायरेक्टर्स की बैठक हुई। इस बैठक में गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी, पूर्व आईबी स्पेशल डायरेक्टर और नागालैंड के राज्यपाल मौजूद थे। इस बैठक में देश भर में तेजी से पैर पसार रहे ISIS के आतंकियों से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई। NIA के मुताबिक अभी तक 28 मामलों में 127 ऐसे संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है जो आतंकी संगठन ISIS से संबंधित थे और देश की सुरक्षा के खिलाफ सक्रिय आतंकी गतिविधियों में शामिल थे।

सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी, कुख्यात नक्सली मुंशी हेम्ब्रम गिरफ्तार

इस बैठक के दौरान NIA के  आईजी (I.G.) आलोक मित्तल ने बताया कि देश के 14 राज्यों से अभी तक आतंकवादी संगठन ISIS से संबंधित 127 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में जो सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात सामने आई है वो ये है कि इनमें से अधिकांश लोग मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाईक के भड़काऊ भाषण से प्रभावित हैं। इनमें सबसे ज्यादा 33 संदिग्धों को तमिलनाडु से, 19 को उत्तर प्रदेश से, 17 को केरल और 14 को तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया है।

NIA के डीजी (D.G.) वाईसी मोदी के मुताबिक, झारखंड, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक जैसे राज्यों में मौजूद बांग्लादेशी प्रवासियों की आड़ में आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन तेजी से भारत में अपनी जड़ें फैला रहा है।  

इस बैठक में जांच एजेंसियों ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की सक्रियता को देखते हुए प्रशासन को भी सचेत किया है। एजेंसी के अनुसार पाकिस्तान खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (KLF) की आड़ में पंजाब में बड़े आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। खालिस्तानी आतंकियों को यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और इटली से फंडिंग हो रही है। दूसरी तरफ कश्मीरी अलगाववादियों को पाकिस्तानी उच्चायोग से लगातार फंडिग मिलती रही है जिसका इस्तेमाल वो घाटी की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने में करते रहे हैं।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें