झारखंड: खूंखार नक्सली तरुण हाईबुरू पुलिस के हत्थे चढ़ा

पुलिस अधीक्षक इंदजीत माहथा के अनुसार, सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी का एक सक्रिय सदस्य स्कूटी से भरंडिया से नकटी जा रहा है। उसके पास पोस्टर, पर्ची और बैनर भी है।

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झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की विशेष पुलिस टीम ने जीवन कंडुलना दस्ते के सक्रिय खूंखार नक्सली वीर सिंह मुंडा उर्फ तरुण हाईबुरू को गिरफ्तार कर लिया।

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पश्चिमी सिंहभूम में कुख्यात नक्सली को पुलिस ने दबोचा

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की विशेष पुलिस टीम ने जीवन कंडुलना दस्ते के सक्रिय खूंखार नक्सली वीर सिंह मुंडा उर्फ तरुण हाईबुरू को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से नक्सली पोस्टर, पर्चा और बैनर बरामद हुए। पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। पुलिस अधीक्षक इंदजीत माहथा के अनुसार, सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी का एक सक्रिय सदस्य स्कूटी से भरंडिया से नकटी जा रहा है। उसके पास पोस्टर, पर्ची और बैनर भी हैं। नकटी तथा आसपास के क्षेत्रों में नक्सली पर्चा व पोस्टर चिपकाने की तैयारी है। तुरंत एक पुलिस टीम नकटी भेजी गई। नकटी के पास पुलिस को देख एक व्यक्ति भागने लगा। पुलिस ने उसे घेर कर पकड़ लिया।

पूछताछ करने पर उसने अपना नाम तरुण हाईबुरू बताया। तलाशी लेने के क्रम में तरुण के पास से नक्सली पर्चा, बैनर और किताबें मिलीं। इसके बाद उसे थाना लाया गया। पूछताछ में उसने बताया कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के जीवन कंडुलना, सुरेश सिंह मुंडा, झुपू गागराई, महाराज प्रमाणिक के कहने पर संगठन को मजबूत करने के लिए लेवी वसूलने, पार्टी का प्रचार-प्रसार तथा संगठन में काम करता है। उसे चाईबासा मंडलकारा भेज दिया गया। वह कराईकेला थाना के भरंडिया गांव का निवासी है। नक्सली वीर सिंह मुंडा उर्फ तरुण हाइबुरू की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रही है।

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दरअसल, तरुण पश्चिमी सिंहभूम के जीवन कंडुलना और सरायकेला के प्रताप प्रमाणिक दस्ते को पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी देता रहता था। बीते अगस्त माह में नकटी क्षेत्र में हुई पोस्टरबाजी तरुण ने ही की थी। केंडाबीर से नचलदा तक कच्ची सड़क में चार बम लगाने के षड्यंत्र में भी वह शामिल था। इसके अलावा 5 अगस्त, 2019 को हुए प्रदीप हत्याकांड में भी वो शामिल था। पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के मुताबिक, तरुण ने पूछताछ में यह बताया कि केंडाबीर से नचलदा के बीच कच्ची सड़क पर जीवन कंडुलना दस्ता ने लोकसभा चुनाव से पहले ही बम लगाए थे। नक्सलियों की योजना सीआरपीएफ जवानों को धमाका कर उड़ाने की थी जिसमें वो कामयाब नहीं हो पाए।

पुलिस ने 1 सितंबर, 2019 को वो चारों बम बरामद कर निष्क्रिय कर दिए थे। टोकलो में हुई प्रदीप महतो की हत्या का षड्यंत्र रचने में भी इसकी अहम भूमिका रही है। पश्चिमी सिंहभूम के टेबो थाना क्षेत्र में 2010 में हुई एक उग्रवादी घटना के बाद पुलिस ने तरुण हाईबुरू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आठ साल तक जेल में रहने के बाद वह फिर से नक्सली संगठन के लिए काम करने लगा। उसकी गिरफ्तारी से इलाके में नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

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