नक्सलियों की जड़ खोदने के लिए Jharkhand Police ने शुरू किया महाअभियान

झारखंड पुलिस नक्सलियों के मुकाबले के लिए आंध्र और तेलंगाना की तर्ज पर काम कर रही है। इसके तहत स्मॉल एक्शन टीमें बनायी गई हैं। पहली बार नक्सली दस्तों के बजाय शीर्ष नक्सलियों को टारगेट कर अभियान चलाया जा रहा है।

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नक्सलियों के खिलाफ Jharkhand Police ने बड़ा अभियान शुरू किया है।

नक्सलियों के खिलाफ झारखंड में एक बड़े अभियान का आगाज हो चुका है। इस अभियान की मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय के स्तर पर की जा रही है। झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के आला अधिकारियों के मुताबिक, माओवादियों के शीर्ष नेताओं को चिह्नित कर उनके खिलाफ अभियान शुरू हो चुका है।

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नक्सलियों के खिलाफ Jharkhand Police का महाअभियान

Jharkhand Police नक्सलियों से मुकाबले के लिए आंध्र और तेलंगाना की तर्ज पर काम कर रही है। इसके तहत स्मॉल एक्शन टीमें बनायी गई हैं। पहली बार नक्सली दस्तों के बजाय शीर्ष नक्सलियों को टारगेट कर अभियान चलाया जा रहा है। भाकपा माओवादियों का नेतृत्व पुलिस के निशाने पर है। सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे जिलों में सीआरपीएफ (CRPF) के अभियान का नेतृत्व करने वाले कमांडेंट से बेहतर सामंजस्य बनाकर अभियान चलाएं। नक्सल सरेंडर पॉलिसी में कुछ बड़े बदलाव भी किए जाएंगे, इसका ड्राफ्ट तैयार हो रहा। इसके लिए Jharkhand Police की विशेष शाखा को रिसर्च की जिम्मेदारी दी गई है।

सरायकेला में भाकपा माओवादियों के केंद्रीय कमेटी सदस्य और एक करोड़ के इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल, आकाश उर्फ तिमिर, प्रशांत बोस, महाराज प्रमाणिक, अमित मुंडा जैसे बड़े माओवादी निशाने पर हैं। यह इलाका रांची के तमाड़, खूंटी के पास है। ऐसे में वहां से निकलने वाले सभी रास्तों पर अभियान चलाया जा रहा है। सारंडा के पौड़ाहाट में जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के दस्ते के खिलाफ भी अभियान चल रहा है। भाकपा माओवादी विवेक यादव, चंदन यादव समेत छत्तीसगढ़ के कुछ नक्सलियों का दस्ता गढ़वा के भंडरिया और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर की सीमा पर सक्रिय है। इस दस्ते को चिह्नित कर CRPF और Jharkhand Police की टीमें अभियान चला रही हैं।

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बूढ़ापहाड़ के इलाके में नक्सली विश्वनाथ ने बीते दो तीन साल से लैंड माइंस से घेराबंदी कर रखी है। चतरा-गया के सीमावर्ती इलाके में 25 लाख के इनामी संदीप यादव, प्रद्युम्न यादव के दस्ते को टारगेट कर अभियान चल रहा है। संदीप की सक्रियता बिहार के चकरबंधा इलाके में भी रही है। प्रद्युम्न शर्मा के दस्ते के साथ बीते कुछ महीने पहले चतरा पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। बिहार के सीमावर्ती जिले जमुई की पुलिस के साथ मिलकर भी देवघर, गिरिडीह पुलिस अभियान चला रही है। नक्सलियों के खिलाफ इस महाअभियान में Jharkhand Police तीन बड़ी रणनीतियों पर काम कर रही है। लेवी से धन संपत्ति अर्जित करने के सारे मामले एनआईए और ईडी को भेजे जाएंगे।

गौरतलब है कि लेवी के पैसों से शीर्ष नक्सलियों ने अथाह कमाई की है। Jharkhand Police सारी संपत्तियों को चिह्नित कर एनआईए और ईडी को जब्ती की कार्रवाई के लिए भेजेगी। ओवरग्राउंड समर्थकों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई होगी और नक्सलियों के शीर्ष नेताओं को चिह्नित कर टागरेट बेस्ड ऑपरेशन चलेंगे। नक्सल विरोधी अभियान का Jharkhand Police नेतृत्व कर रही है। इसके अलावा CRPF की रेग्युलर कंपनी के साथ-साथ नक्सल अभियान के लिए विशेष प्रशिक्षित कोबरा बटालियन (COBRA Battalion) को भी लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक, नक्सलियों के खात्मे की डेडलाइन नहीं दी जा सकती, लेकिन इनके खात्मे तक पूरी सख्ती के साथ अभियान चलाया जाएगा।

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