EXCLUSIVE: बाजार में बिक रहे बड़े ब्रांडों के नकली शराब, नक्सलियों की बड़ी साजिश का पर्दाफाश!

बड़े-बड़े ब्रांडों के नकली शराब बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं और जरुरी है कि आप सतर्क रहें। सिर्फ सच की टीम ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश का जब पर्दाफाश किया तो यह बात निकलकर आई है कि नक्सली अब नकली शराब माफियाओं के साथ मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं।

Jharkhand

सिर्फ सच की टीम ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश का जब पर्दाफाश किया तो यह बात निकलकर आई है कि नक्सली अब नकली शराब माफियाओं के साथ मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं।

Sirf Sach Exclusive: बड़े-बड़े ब्रांडों के नकली शराब बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं और जरुरी है कि आप सतर्क रहें। सिर्फ सच की टीम ने नक्सलियों की एक बड़ी साजिश का जब पर्दाफाश किया तो यह बात निकलकर आई है कि नक्सली अब नकली शराब माफियाओं के साथ मिलकर बड़ी साजिश रच रहे हैं। दरअसल, कुछ बड़े शराब माफियाओं से हाथ मिलाकर नक्सलियों ने अपना धंधा बदल लिया है। पहले जहां वो कमाई के लिए ज्यादातर लेवी पर आश्रित थे वहीं प्रशासन की सख्ती के बाद वो अब नकली शराब के कारोबार में उतर चुके हैं। झारखंड (Jharkhand) के गिरीडीह और धनबाद के सीमा पर पड़ने वाले पारसनाथ की तलहटी में स्थित घने जंगलों का लाभ उठाकर नक्सलियों ने इन बीहड़ों में मिनी शराब फैक्ट्री बना ली है। इस फैक्ट्री में बीयर से लेकर अच्छे- अच्छे ब्रांड के नकली शराब तैयार किये जा रहे हैं। इसके बाद इनकी पैकिंग कर बाजार में मुहैया करवाया जा रहा है।

नक्सली छोटे-बड़े वाहनों का उपयोग करते हुए शराब को बिहार एवं बंगाल के साथ साथ झारखंड से सटे पड़ोसी राज्यों में भी खपा रहे हैं। इस जानलेवा कारोबार से होने वाले करोड़ों रुपए के मुनाफे में नक्सलियों और शराब माफियों का हिस्सा आधा-आधा बंटा हुआ है। कई इनामी नक्सली जो गिरीडीह एवं धनबाद जिले से संबंध रखते हैं उन्होंने अपने गुर्गों को इस काम में लगा दिया है। शराब माफियाओं को साथ रखने से नक्सलियों को यह जहर सड़क के रास्ते लाने और ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होती है। नक्सलियों ने नकली शराब कारोबारियों से इसलिए हाथ मिलाया है ताकि इनके संरक्षण से नकली शराब बनाने में एवं बाजार तक ले जाने में कोई परेशानी ना हो। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर मिली है कि प्रशासन के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए नक्सली जंगल के रास्ते में पड़ने वाले पूल एवं पुलिया के नीचे कैनबम प्लांट कर सुरक्षा बलों को जख्म देने की गहरी साजिश रच रहे हैं।
देखें पूरी रिपोर्ट:

हाल ही में पारसनाथ तलहटी के नीचे पश्चिमी टुंडी के मनियारी पलमा सड़क के मेमरी स्थित एक पुल के नीचे नक्सलियों ने केन बम छुपा कर रखा था जिसे समय रहते पुलिस और सीआरपीएफ ने निष्क्रिय कर दिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो कई बडे नक्सली नेता झारखंड छोड़ चुके हैं तथा छत्तीसगढ़ और उड़ीसा चले गए हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहा हैं कि बड़े नक्सलियों को हुक्म पर उनके संगठन के सदस्य पुल के नीचे बमों का जाल बिछा रहे हैं ताकि पुलिस जंगल तक ना पहुंच सके। बता दें कि पुल-पुलिया के नीचे लगाए गए केन बम काफी शक्तिशाली होते हैं जिनसे बड़ा नुकसान पहुंचता है। बम लगाने के पीछे नक्सलियों का मकसद है अपनी मांद को सुरक्षित रखना और अवैध शराब के कारोबार को सिक्यूरिटी प्रूफ बनाना। हालांकि कई बार पुलिस द्वारा गिरिडीह जिले में अलग-अलग जगहों पर करोड़ों रुपए के नकली शराब जब्त किये गये हैं लेकिन जांच में किसी भी नक्सली का नाम सामने नहीं आया है।

परंतु स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन सारे कारनामों में नक्सलियों का भी हाथ होता है लेकिन शराब माफिया नक्सलियों के नाम जाहिर नहीं होने देते। पुलिस टीम द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले पारसनाथ जंगल को खंगाला जा रहा है। इन जंगली क्षेत्र में पडने वाले पुल-पुलिया के नीचे कई जगह प्लांटेड केन बम को निष्क्रिय भी किया गया है। कई नक्सलियों को या तो पुलिस ने मार गिराया है या फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस नामी-गिरामी नक्सलियों के घरों में जाकर यह संदेश दे रही है कि वो आत्मसमर्पण कर झारखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रत्यर्पण नीति को अपनाएं। गिरीडीह जिले के पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा ने अवैध शराब कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए प्रयासरत हैं। अब तक कई बड़े शराब कारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है।

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