झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने पोस्टर-बाजी कर की दहशत फैलाने की कोशिश

झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने गिरिडीह जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में पोस्टर बाजी कर दहशत फैलाने का प्रयास किया।

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सांकेतिक तस्वीर।

झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नक्सलियों (Naxals) ने गिरिडीह जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में पोस्टर बाजी कर दहशत फैलाने का प्रयास किया। बता दें कि माओवादियों द्वारा शहर के कोलडीहा एवं बनियाडीह प्रोजेक्ट ऑफिस के समीप आसपास के दुकानों में भी पर्चा एवं पोस्टर साटा है। लोगों के अनुसार, नक्सलियों द्वारा इन शहरी क्षेत्रों में पोस्टर-बाजी करना शहर में भी नक्सलियों की मौजूदगी का प्रमाण है। हालांकि, इस विषय पर कोई भी खुलकर बात नहीं कर रहा है।

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फाइल फोटो।

ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो जिले के डुमरी प्रखंड का उत्तराखंड स्थित मंझलाडीह के आसपास भीड़-भाड़ वाले इलाके में नक्सलियों (Naxals) द्वारा पोस्टर बाजी की गई। जिससे राहगीरों के साथ-साथ गांव वालों में भी दहशत का माहौल बन गया है। सूचना पर जिला पुलिस द्वारा जिले के उग्रवाद प्रभावित डुमरी के कई गांवों में सर्च अभियान चलाया गया एवं नक्सलियों (Naxals) के द्वारा चिपकाए गए पोस्टरों को भी उखाड़ फेंका गया। डुमरी पुलिस को सूचना मिलने पर डुमरी थानेदार अशोक कुमार द्वारा अपनी टीम के साथ डुमरी एवं डुमरी प्रखंड से सटे बराकर नदी के किनारे बसे गांव का निरीक्षण किया गया। बता दें कि नक्सलियों (Naxals) द्वारा पोस्टर बाजी एवं बारूदी सुरंग के लिए उसी जगह का चुनाव किया जाता है जहां पर ज्यादा लोग पोस्टर को देख सकें और बारूदी सुरंग से जहां अधिक से अधिक नुकसान हो।

परंतु इस बार पुलिस ने कोई चूक न करते हुए अपनी पूरी टीम के साथ डुमरी के इलाकों को छान डाला। इधर, पोस्टर में माओवादियों ने ‘जल, जमीन और जंगल पर अतिक्रमण करने वालों होशियार, पीएलजीएफ है तैयार…’ जैसे नारे लिखे हैं। साथ ही नक्सलियों ने पोस्टर के माध्यम से आम लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की है। जिसमें निवेदक के रूप में भाकपा माओवादी का नाम है। इधर, जिले के एसपी सुरेंद्र कुमार झा अपनी पूरी तत्परता और ताकत से जिले में होने वाले विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि कुछ भी हो जाए नक्सलियों के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए सीआरपीएफ और जिला बल की विशेष टीम पारसनाथ के सटे इलाकों और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही है।

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साथ ही, सुरक्षाबल बिहार राज्य से सटे हुए गिरिडीह जिले के जंगली इलाकों में भी भारी सर्च अभियान चला रहे हैं ताकि चुनाव के दरम्यान नक्सलियों द्वारा किसी अप्रिय घटना के अंजाम न दिया जा सके। बता दें कि बीते 26 जुलाई को भी नक्सलियों (Naxals) ने जिले के डुमरी और निमियाघाट थाना क्षेत्रों में पोस्टर चिपका कर दहशत फैलाने का काम किया था। हालांकि, उस दौरान नक्सलियों ने 7 दिनों तक शहीदी सप्ताह मनाने की अपील जनता से की थी। चिपकाए गए पोस्टरों के माध्यम से नक्सलियों ने भाकपा माओवादी के संस्थापक शिक्षक, नेता एवं मार्गदर्शक कॉमरेड्स को श्रद्धांजलि देने की अपील की थी।

वहीं, झारखंड के पलामू में 18 सितंबर को सदर थाना क्षेत्र के लेघपा, छिपादोहर थाना क्षेत्र में दीवार लेखन कर नक्सलियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। यह माना जा रहा है कि बड़े नक्सली नेता अब गुप्त स्थानों पर चले गए हैं। बचे हुए छोटे नक्सली कमांडरों को दहशत फैलाने का निर्देश बड़े नक्सली नेताओं द्वारा दिया गया है। यही कारण है कि ये छोटे नक्सली नेता दीवार लेखन के साथ-साथ पोस्टर चिपकाने, छोटे-छोटे बारूदी सुरंग एवं बम प्लांट करने का काम करते हैं। पर वे खुलकर पुलिस के सामने नहीं आते। झारखंड के दक्षिणांचल जिलों में, खासकर छत्तीसगढ़, उड़ीसा और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों (Naxals) द्वारा वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है, ताकि वे वारदात को अंजाम देकर जंगल के रास्ते से बचकर दूसरे राज्यों में निकल सकें।

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