सऊदी अरब और UAE से भी पाकिस्तान को मिली निराशा, पूरी तरह पड़ा अकेला

इस बार पाकिस्तान ने सऊदी अरब और यूएई से कश्मीर पर स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की है। दरअसल, सऊदी के उप विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबैर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला 4 सितंबर को इस्लामाबाद पहुंचे।

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इस बार पाकिस्तान ने सऊदी अरब और यूएई से कश्मीर पर स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के मोदी सरकार के फैसले के बाद से ही पाकिस्तान लगातार मुस्लिम देशों से समर्थन जुटाने की कोशिशें कर रहा है। हालांकि, हर बार उसे नाकामी ही हाथ आ रही है। इस बार पाकिस्तान ने सऊदी अरब और यूएई से कश्मीर पर स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की है। दरअसल, सऊदी के उप विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबैर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला 4 सितंबर को इस्लामाबाद पहुंचे। दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ बातचीत की। पाक प्रधानमंत्री के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक का प्रमुख मुद्दा कश्मीर ही था।

सऊदी अरब और यूएई की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देश मौजूदा चुनौतियों, तनाव घटाने और शांति-सुरक्षा का वातावरण प्रोत्साहित करने में सहयोग करेंगे। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सऊदी और यूएई के शीर्ष राजनयिक का मकसद अरब देशों की कश्मीर पर चुप्पी को लेकर पाकिस्तान की नाराजगी को दूर करना था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत पर जम्मू-कश्मीर से अपना फैसला बदलने के लिए दबाव डालना चाहिए।

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इमरान खान ने कहा कि सऊदी अरब और यूएई इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। विदेश मंत्रालय शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि इस वक्त पाकिस्तान की जनता और कश्मीरी मुस्लिम देशों से मजबूत समर्थन की उम्मीद करते हैं। इस संदर्भ में कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता और समर्थन के लिए साफ और स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए था। सऊदी और यूएई के शीर्ष राजनयिकों ने कहा कि वे अपने नेतृत्व के निर्देश के बाद पाकिस्तान के दौरे पर आए हैं।

कुरैशी ने बाद में आधिकारिक प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि सऊदी अरब और यूएई पाकिस्तान के साथ खड़े हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों देश हमें निराश नहीं करेंगे। दोनों देशों ने कश्मीर पर हमारे पक्ष को सुना है। हालांकि, दोनों अरब देशों की तरफ से कश्मीर को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है।

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सऊदी और यूएई के राजनयिक ने कहा कि पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने दोनों देशों के क्राउन प्रिंस को फोन किया था जिसके बाद यह दौरा हुआ है। हाल ही में यूएई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ से सम्मानित किया था। जिसके बाद अरब देशों की पाकिस्तान में खूब आलोचना हुई थी।

यूएई ने कश्मीर पर भारत का खुलकर साथ देते हुए इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था। अभी तक किसी भी मुस्लिम देश ने भारत के खिलाफ कोई सख्त टिप्पणी नहीं की है। अरब के देश कश्मीर मुद्दे पर या तो खामोश हैं या फिर भारत के साथ हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहा था कि हम कितना भी इस्लाम की बात कर लें, भारत से अरब देशों के आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। इसलिए पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना इतना आसान नहीं है।

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