NIA का खुलासा, हाफिज सईद करता था अलगाववादियों की फंडिंग

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ और अलगाववादी नेता यासीन मलिक और शब्बीर अहमद शाह समेत 5 बड़े अलगाववादी नेताओं को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।

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जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ और अलगाववादी नेता यासीन मलिक और शब्बीर अहमद शाह समेत 5 बड़े अलगाववादी नेताओं को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ और अलगाववादी नेता यासीन मलिक और शब्बीर अहमद शाह समेत 5 बड़े अलगाववादी नेताओं को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। JKLF के चीफ और अलगाववादी नेता यासीन मलिक के अलावा आसिया अंद्राबी, शब्बीर अहमद शाह, मशरत आलम और राशिद इंजीनियर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)की ओर से किए जा रहे पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन शीर्ष अलगाववादियों को कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए हाफिज सईद से फंड मिलती थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए ) की रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए ये लोग लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद से फंड लेते थे। NIA अब UAPA के नए कानून के तहत चार्जशीट दाखिल करेगी। NIA ने 214 पेज की अपनी रिपोर्ट तैयार की है। सभी अलगाववादियों के हाफिज सईद से कश्मीर में आतंकियों को फंडिंग करने और पत्थरबाजी के लिए पैसा जुटाने के पुख्ता सबूत हैं।

ये खुलासे यासीन मलिक की डिजिटल डायरी से हुए हैं। यासीन मलिक की डिजिटल डायरी में NIA को यासीन मलिक और हाफिज सईद के बीच के कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। NIA की रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ कि यासीन मलिक ने जहूर वताली की मदद से 2015-16 में 15 लाख रुपये हवाला के जरिये हाफिज सईद से लिए थे। रिपोर्ट से यह बात भी सामने आई है कि हाफिज का 1 करोड़ रुपया सैय्यद अलीशाह गिलानी, शब्बीर शाह और अल्ताफ फंटूश के पास आया। यासीन मलिक को पाकिस्तान से ख्वाजा मंजूर चिश्ती ने करोड़ों रुपये भेजे। यासीन मलिक को भेजे गए ई-मेल के मुताबिक पाकिस्तान ने आजाद कश्मीर के लिए 2 करोड़ पाकिस्तानी करेंसी दिए थे। इसमें यूके जोन के लिए 2 करोड़, यूरोप जोन के लिए 1.5 करोड़ और अमेरिकी जोन के लिए 1 करोड़ पाकिस्तानी रुपये यासीन मलिक को मिले। जबकि मिडिल ईस्ट जोन के लिए डेढ़ करोड़ पाकिस्तानी रुपये दिए गए।

NIA की इंटेरोगेशन रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक, उमर फारूक के रिकमेंडेशन लेटर के जरिए पाकिस्तान लीगल वीजा देकर कश्मीर के युवाओं को पाक में आतंक की ट्रेनिंग देता था। साथ ही आसिया अंद्राबी ने यासीन मलिक के रेकमेंडेशन लेटर के जरिए पाकिस्तान में आतंक की ट्रेनिंग के लिए जाने वाले कश्मीरी युवाओं का कंफर्मेशन अपने इंटेरोगेशन रिपोर्ट में किया है। इसके अलावा यह बात भी सामने आई है कि पाकिस्तान में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए रिजर्व मेडिकल और इंजीनियरिंग की सीटों की बोलियां जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता लगाते थे और इसका पैसा आपस में बांट लेते थे। यासीन मलिक के घर पर जब NIA ने छापा मारा था तो हाफिज सईद से उसके लगातार संपर्क होने के कई सबूत मिले थे। यासीन मलिक लश्कर के आतंकी ट्रेनिंग कैंप पाक अधिकृत कश्मीर मुरी में भी गया था और यहां पर इसने आतंकवादियों को संबोधित भी किया था।

यासीन मालिक के ई-मेल से पता चला है कि उसके लश्कर और तहरीक उल मुजाहिदीन से सबंध थे। अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह के बारे में NIA की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसने पाकिस्तान के सफी शेर से अमेरिकी डॉलर में करोड़ों रुपए लिए। शब्बीर शाह को जो पैसे भेजे गए उसका इस्तेमाल कश्मीर में पत्थरबाजी और आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए गए। वहीं, अलगाववादी नेता और दुःखतराने मिल्लत (DeM) की मुखिया आसिया अंद्राबी अपने बेटों के अकाउंट में करोड़ों रुपये भेजा करती थी। आसिया अंद्राबी यह पैसा आतंक के नाम पर जकात के जरिए इकट्ठा करती थी। साथ ही हाफिज सईद के हवाला रैकेट के पैसे को मलेशिया में रह रहे अपने बेटे मोहम्मद बिन कासिम को भेजती थी। रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान में पढ़ाई कर रहे अपने दूसरे बेटे अहमद बिन कासिम को भी सवा लाख रुपये एचडीएफसी बैंक( AC 50100056172602) के अकाउंट के जरिए आसिया अंद्राबी ने भेजा है। आसिया अंद्राबी लगातार हाफिज सईद और उसकी दोनों पत्नी उमी तल्हा और नूरजहां से फोन पर भी संपर्क में रहती थी।

रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आसिया अंद्राबी को हवाला की फंडिंग करने के लिए हाफिज सईद ने कश्मीरी व्यापारी जहूर बताली का इस्तेमाल किया था। उसके स्विफ्ट अकाउंट कोड के जरिए पैसे आतंक फैलाने और पत्थरबाजी के लिए भेजे जाते थे। NIA ने सभी पांचों अलगाववादी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर ली है। आसिया अंद्राबी, शब्बीर शाह, यासीन मलिक, मसर्रत आलम और राशिद इंजीनियर के खिलाफ 4 अक्टूबर तक UAPA के तहत चार्जशीट दाखिल की जाएगी। एनआईए ने गृह मंत्रालय से प्रॉसीक्यूशन परमिशन मांगा था। जिसपर गृह मंत्रालय ने सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत प्रॉसीक्यूशन परमिशन दे दिया है।

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