अलगाववादी नेता गिलानी की ई-मेल से उड़े पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश

जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं हैं। इसी बीच, इंटरनेट सेवा बंद होने के बावजूद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की ई-मेल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए।

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इंटरनेट सेवा बंद होने के बावजूद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की ई-मेल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए।

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अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी

जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में सुरक्षा के मद्देनजर कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं हैं। इसी बीच, इंटरनेट सेवा बंद होने के बावजूद अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की ई-मेल ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। यह ई-मेल कश्मीर के कुछ मीडिया कर्मियों को 17 सितंबर की शाम को भेजा गया था। इसके बाद मीडिया कर्मी 18 सितंबर को गिलानी के घर पर गए थे। कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद होने के बावजूद अलगाववादी गिलानी की प्रेस कांफ्रेंस से संबंधित ई-मेल जब मीडिया कर्मियों को मिला तो इस घटना ने पुलिस को हैरान कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

कश्मीर घाटी के कई पत्रकारों को 17 सितंबर की शाम को गिलानी से ई-मेल प्राप्त हुआ है, जिसमें बुधवार सुबह 11 बजे प्रेस कांफ्रेंस किए जाने के बारे में कहा गया। हैरानी की बात यह है कि गिलानी घर में नजरबंद है और कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद है फिर भी मेल कैसे भेजा गया। प्रेस कांफ्रेंस को पत्रकारों ने इसलिए गंभीरता से लिया क्योंकि पांच अगस्त के बाद से किसी भी अलगाववादी ने प्रेस कांफ्रेंस नहीं बुलाई है। अधिकतर अलगाववादी घरों में नजरबंद और कई विभिन्न जेलों में बंद हैं। प्रेस कांफ्रेंस का ई-मेल के जरिए निमंत्रण मिलने के बाद पत्रकार श्रीनगर में गिलानी के घर के बाहर पहुंच गए। गिलानी के घर के बाहर पहले से ही मौजूदा सुरक्षा कर्मियों ने पत्रकारों को रोक लिया।

इसके बाद पत्रकारों ने बताया कि उन्हें गिलानी के ई मेल से मैसेज भेजा गया था। जब पत्रकारों ने बताया कि उन्हें गिलानी की प्रेस कांफ्रेंस से संबधित ई-मेल आया है तो सुरक्षा कर्मी हैरान रह गए। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वह मामले की जांच कर रहे हैं कि आखिरकार इंटरनेट सेवा और मोबाइल बंद होने के बावजूद ई-मेल कैसे किया गया है। पुलिस ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस मामले में पत्रकारों से जानकारी हासिल करेंगे। गौरतलब है कि अगस्त में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब कश्मीर में इंटरनेट बंद होने के बावजूद गिलानी का ट्विटर अकाउंट सक्रिय था। तब कई ट्विट किए जाने की बात सामने आई थी।

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