शहीदों को सम्मान देने का अनोखा तरीका, तारीफ के काबिल है ये यूनिवर्सिटी

झारखंड के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्व विद्यालय ने ऐसा ही एक सराहनीय पहल किया है। विश्व विद्यालय ने शहीदों के आश्रितों या बच्चों के नामांकन में 3 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है।

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झारखंड के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्व विद्यालय ने शहीदों के आश्रितों या बच्चों के नामांकन में 3 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है।

देश सुरक्षित रहे और देशवासी सुकून की जिंदगी जिएं इसलिए सेना और सुरक्षाबल के जवान अपनी जान हथेली पर लेकर चलते हैं। देश की जनता के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना दिन हो या रात, आंधी, तूफान, बारिश, बर्फबारी हर मौसम में ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। ऐसे वीरों के बलिदान का कर्ज कभी नहीं चुकाया जा सकता। हां, पर उनके सम्मान में उनके परिवारों के लिए जो भी बन पड़े वो देश अपनी तरफ से जरूर करता है।

झारखंड के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय ने ऐसी ही एक सराहनीय पहल की है। विश्वविद्यालय ने शहीदों के आश्रितों या बच्चों के नामांकन में 3 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। साथ ही विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए शहीदों के बच्चें से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राज्य का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां शहीदों के बच्चों के लिए नामांकन में आरक्षण के साथ नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालय में झारखंड के अलाव अन्य सभी राज्यों के शहीदों के बच्चों को भी यह सुविधा दी जाएगी।

इस प्रावधान की रूप-रेखा विश्वविद्यालय ने तैयार कर ली है और इसी शैक्षणिक सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में सामान्य कोर्सेज के अलावा स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर एक दर्जन से भी अधिक वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई होती है। इस तरह शहीदों के आश्रितों और बच्चों की शिक्षा में योगदान देकर विश्वविद्यालय ने वाकई प्रशंसनीय कदम उठाया है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन बधाई का पात्र है।

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