1 साल में 11 आतंकी साजिश यूं कर दिए नाकाम, गजब है दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल

स्पेशल सेल ने कुल 11 बड़े आतंक-विरोधी आभियान चलाए, जिनमें से 4 तो बीते चार महीनों में ही चलाए गए। दिल्ली पुलिस के ये ऑपरेशंस केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं थे। बल्कि इसके तहत जम्मू-कश्मीर, नेपाल सीमा और पूर्वोत्तर भारत में भी संदिग्ध आतंकियों की धरपकड़ की गई।

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पिछले एक साल में दिल्ली पुलिस की ऐंटी टेरर यूनिट की स्पेशल सेल ने 11 आतंकी हमलों की साजिशों को नाकाम किया।

आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए देश भर में अभियान जारी है। पुलिस और सुरक्षाबल लगातार एंटी टेरेरिस्ट ऑपरेशन चला रहे हैं। पिछले एक साल में दिल्ली पुलिस की ऐंटी टेरर यूनिट की स्पेशल सेल ने 11 आतंकी हमलों की साजिशों को नाकाम किया। स्पेशल सेल ने कुल 11 बड़े आतंक-विरोधी अभियान चलाए, जिनमें से 4 तो बीते चार महीनों में ही चलाए गए। दिल्ली पुलिस के ये ऑपरेशंस केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं थे बल्कि इसके तहत जम्मू-कश्मीर, नेपाल सीमा और पूर्वोत्तर भारत में भी संदिग्ध आतंकियों की धर-पकड़ की गई। दिल्ली पुलिस के एक दस्तावेज में इन अभियानों की एनालिसिस करने पर यह बात सामने आई है कि इन ऑपरेशंस के जरिए कई आतंकी हमलों की साजिशों को नाकाम किया गया।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पुलवामा आतंकी हमले के पुख्ता सबूत जुटाने में भी मदद की है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक स्टेट के मॉड्यूल को उजागर करने में भी राजधानी की पुलिस का अहम रोल था। यही नहीं, मणिपुर में सक्रिय दहशतगर्द संगठन कांगलेपक कम्युनिस्ट पार्ट-पीपल वॉर ग्रुप के आतंकियों को भी दबोचने का काम दिल्ली पुलिस ने किया। उल्लेखनीय है कि इसी साल 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायिन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने इस हमले में शामिल सज्जाद अहमद खान को लाजपत राय मार्केट से दबोचा था, जो यहां शॉल कारोबारी के तौर पर अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। कश्मीर के सज्जाद अहमद को गिरफ्तार करने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने हमले से संबंधित कई इनपुट्स भी एजेंसियों को दिए।

सज्जाद खान हमले के मास्टरमाइंड मुदसिर खान का सहयोगी था। उसकी गिरफ्तारी से एजेंसियों को हमले में शामिल सभी आतंकियों की पहचान करने और गिरफ्तार करने में मदद मिली। इसके अलावा मार्च में दिल्ली पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन के दो मॉड्यूल्स को भी ध्वस्त किया। दिल्ली पुलिस के इसी स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस से कुछ दिनों पहले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों अब्दुल लतीफ गनी और हिलाल अहमद भट को भी धर दबोचा था। ये दोनों आतंकी राजधानी के किसी भीड़भाड़ वाले इलाके में ग्रेनेड अटैक करने की तैयारी में थे। जनवरी, 2018 में दिल्ली पुलिस ने सिमी आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी और इंडियन मुजाहिदीन के आरिज खान को भी पकड़ा था। इससे पुलिस को भारत में एक बार फिर से सिर उठाने की कोशिश में जुटे इंडियन मुजाहिदीन पर रोक लगाने में मदद मिली।

दिसंबर, 2018 में दिल्ली पुलिस ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ साझा अभियान में इस्लामिक स्टेट के तीन आतंकियों को धर दबोचा था और उसके मॉड्यूल को खत्म किया था। इतना ही नहीं, इस्लामिक स्टेट के तीन आतंकी ताहिर अली खान, हारिस मुश्ताक खान और आसिफ सुहैव नदाफ को पुलिस ने सेब के एक बगीचे से अरेस्ट किया था। तीनों आतंकी बंकर बनाकर छिपे हुए थे। आतंकियों का खात्मा के लिए सुरक्षाबल युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। पिछले दिनों सुरक्षाबलों द्वारा आतंकी कमांडर जाकिर मूसा को मार गिराने के बाद से आतंकी संगठनों के हौसले पस्त हो गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने 29 मई को कहा कि घटी में स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में भर्ती तेजी से कम हुई है। पिछले पांच वर्षों में सिर्फ 40 स्थानीय युवक आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। इससे पहले के वर्षों की तुलना में यह संख्या आधी रह गई है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अभी 275 आतंकवादियों के सक्रिय होने की सूचना है। जिनमें से 75 आतंकी विदेशी हैं। सेना के सूत्रों के अनुसार, कश्मीर में आतंकी संगठन आईएसआईएस भी पांव पसारने की कोशिश कर रहा है। सुरक्षाबल और दूसरी एजेंसियां इस पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।

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