बिहार: औरंगाबाद से दो नक्सली धराए, कई संगीन मामलों में पुलिस कर रही थी तलाश

बिहार के औरंगाबाद जिले से भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के दो हार्डकोर नक्सलियों (Naxals) को पुलिस ने 4 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया।

Naxals

बिहार के औरंगाबाद जिले से भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के दो हार्डकोर नक्सलियों (Naxals) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

बिहार के औरंगाबाद जिले से भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के दो हार्डकोर नक्सलियों (Naxals) को पुलिस ने 4 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों की तलाश कई नक्सली कांडों में कर रही थी। एसपी दीपक वर्णवाल के मुताबिक, नवीनगर थाना क्षेत्र के कर्मडीह गांव के रहने वाले सुदामा राम एवं मदनपुर थाना क्षेत्र के रामराज बिगहा के लखन भुइयां की गिरफ्तारी हुई।

Naxals
बिहार के औरंगाबाद से गिरफ्तार नक्सली।

पुलिस सुदामा की तलाश मदनपुर के दो और देव थाना के एक मामले में कर रही थी। एसपी के अनुसार, 30 दिसंबर, 2018 को नक्सलियों (Naxals) ने भाजपा के विधान पार्षद राजन कुमार सिंह का घर उड़ाने का प्रयास किया था। विस्फोटक पदार्थ लगा कर यह ब्लास्ट किया गया था। नक्सलियों ने उनके चाचा नागेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी। साथ ही कई वाहनों को जला दिया था। इस हमले में हार्डकोर नक्सली सुदामा राम शामिल था। वहीं 19 दिसंबर, 2017 को मदनपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह तिलैया गांव के पास नक्सलियों (Naxals) ने सड़क निर्माण में लगे जेसीबी मशीन, डंफर एवं ट्रैक्टर को फूंक दिया था।

14 मार्च, 2019 को नक्सलियों (Naxals) ने मदनपुर थाना क्षेत्र के चरैया गांव के पास सड़क निर्माण में लगे जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों को फूंक दिया था। लेवी के लिए नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया था। तीनों नक्सली वारदातों में गिरफ्तार नक्सली सुदामा का शामिल था। वहीं, पुलिस लखन भुइयां की तलाश साल 2014 से कर रही थी। लखन के खिलाफ सिर्फ मदनपुर थाना में आधे दर्जन मामले दर्ज हैं। वह मदनपुर प्रखंड कार्यालय पर हमला करने एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ करने में शामिल रहा है।

दोनों नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। छापेमारी दल में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। बता दें कि राज्य में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ जोर-शोर से अभियान चला रही है। नक्सलियों की लगातार गिरफ्तारी हो रही है। पुलिस की लगातार हो रही कार्रवाई से नक्सली सकते में हैं।

पढ़ें: पिछले 4 सालों में नक्सली हिंसा में 43 फीसदी की कमी

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें