2 महीने में 14 धराए, पढ़िए इस इलाके से ‘लाल आतंक’ के दम तोड़ने की कहानी

हालत यह हो गई है कि नक्सली संगठन के कई बड़े नाम या तो अपनी मांद में आज दुबकर बैठे हैं या फिर किसी ना किसी तरह सरेंडर करने की फिराक में हैं।

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अप्रैल-मई में पलामू पुलिस ने नक्सलियों के विरूद्ध 535 अभियान चलाए।

एक वक्त था जब नक्सली घने बीहड़ों में छिप कर खूनी राज चलाते थे और पुलिस को इन्हें दबोचने में नाको चने चबाना पड़ता था। लेकिन अब इन नक्सलियों की ऐसी शामत आई है कि वो खुद ही अपनी बिलों से निकल कर प्रशासन से अपनी जान की भीख मांगते फिर रहे हैं। यह नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के कामयाब ऑपरेशन का ही नतीजा है कि लाखों रुपए के इनामी कई नक्सली मसलन- कुंदन पाहन, पहाड़ सिंह, नकुल यादव और राजेंद्र उरांव समेत कई दुर्दांत पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। हालत यह हो गई है कि नक्सली संगठन के कई बड़े नाम या तो अपनी मांद में आज दुबकर बैठे हैं या फिर किसी ना किसी तरह सरेंडर करने की फिराक में हैं। हाल के दिनों में सुरक्षा बलों ने किस तरह नक्सलियों पर शिकंजा कसा है उसे समझने के लिए जरा इन आंकड़ों पर गौर कीजिए-

झारखंड के पलामू प्रक्षेत्र के तीनों जिले में अप्रैल व मई माह में पलामू पुलिस ने नक्सलियों के विरूद्ध 535 अभियान चलाए। इसमें सबसे अधिक 442 अभियान पलामू जिले में संचालित किए गए। गढ़वा में 54 और लातेहार जिले में 39 अभियान चलाया गया है। यह जानकारी खुद पलामू डीआईजी विपुल शुक्ला ने दी है। अब जरा देखिए कि कैसे इन सैकड़ों एंटी नक्सली अभियान से ‘लाल आतंक’ की कमर टूटी है।

14 नक्सली धरे गए

– इस अवधि में पुलिस को 14 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।
-गढ़वा में 8, लातेहार में 5, पलामू में 1 नक्सली की गिरफ्तारी हुई।
-अच्छी बात यह भी है कि अभियान के दौरान कुल 301 अपराधियों को भी धरा गया।
-पलामू जिले में 120, गढ़वा में 111 व लातेहार में 70 अपराधी शामिल हैं।
-इसके अलावा 100 कुर्की व 910 वारंटों का निष्पादन किया गया।

अवैध हथियार बरामद

-इस अभियान में 30 वाहन भी बरामद किए गए हैं।
-पुलिस ने अपराधियों से 20 अवैध हथियार व कारतूस बरामद किए।
-भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्रियां बरामद की गईं।
-अवैध शराब निर्माण और बिक्री के खिलाफ बड़ी सफलता मिली।

पुलिस का बढ़ा हौसला

डीआईजी ने बताया कि पलामू रेंज के तीनों जिलों में एसपी के नेतृत्व में बेहतर काम किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष वातावरण में संपन्न कराना इसकी एक बानगी है। इसे लेकर सीआरपीएफ व जिला पुलिस बल के 174 अधिकारी व कर्मियों को संयुक्त प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। यही नहीं चुनाव के बाद जब अधिकांश पुलिस जब दूसरे जिले में चल जाती है उस अवधि में भी शून्य अपराध दर्ज किए है। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद 14 लूट के मामले दर्ज किए गए थे।

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