जिहादियों की जन्मस्थली है बालाकोट, यहीं पर इंडियन एयरफोर्स ने किया था सर्जिकल स्ट्राइक

19वीं सदी में सिख और मराठा शासकों को मिटाने और इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से सैयद अहमद बरेलवी ने बालकोट को जिहाद का केंद्र बनाने की कोशिश की थी।

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सांकेतिक तस्वीर

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक करके 300 से ज्यादा आतंकवादियों मार गिराया। इस एयरस्ट्राइक के बाद बालाकोट दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बन गया। बालाकोट पाकिस्तान के पहाड़ी क्षेत्र में बसा है जो शुरुआत से ही आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है।

19वीं सदी में सिख और मराठा शासकों को मिटाने और इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से सैयद अहमद बरेलवी ने बालकोट को जिहाद का केंद्र बनाने की कोशिश की थी। कहा जाता है कि सिख सेना ने सैयद अहमद बरेलवी और शाह इस्माइल समेत करीब 3000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। क्योंकि ये लोग सिख और मराठा शासकों को मिटाकर इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना चाहते थे।

सैयद अहमद बरेलवी ने इस जगह को जिहाद का केंद्र ये सोचकर बनाया क्योंकि यहां आसपास की मुस्लिम आबादी और अफगानिस्तानियों का इस्लामिक साम्राज्य की स्थापना के लिए शुरू किये गये जिहाद में उन्हें भरपूर मदद मिल सकेगी। जिस समय अंग्रेज तेजी से हिंदुस्तान में अपने पैर पसार रहे थे, उसी वक़्त इस्लामिक साम्राज्य की स्थापना का सपना लेकर सैयद बरेलवी रायबरेली से चलकर बालकोट पहुंचा।

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बालाकोट को इसने इसलिए चुना क्योंकि ये पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा हुआ है और इसके एक तरफ नदी है जिससे किसी का यहां पहुंचना मुश्किल है। इस क्षेत्र में कोई हमला भी नहीं कर पाएगा जिससे आतंकी गतिविधियां चलाने में आसानी रहेगी।

बालकोट खैबर पख्तूनख्वाह इलाका में है। पहाड़ियों से घिरा बालकोट आतंकवाद का हमेशा से केंद्र रहा है। कई तरह की कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन की उत्पत्ति बालकोट से ही हुई। आतंकवाद के इस गढ़ को मिटाने के लिए कई बार हमले हुए। सिख शासकों से लेकर अंग्रेजों तक ने यहां लड़ाई लड़ी और अब भारत को भी हवाई कार्रवाई करनी पड़ी।

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