Pulwama Attack: आखिरी बार पति का फोन भी नहीं उठा पाई और आ गई शहादत की खबर

कविता को गुरू का फोन आया था लेकिन वे उठा नहीं पाई थीं। जब उन्होंने वापस फोन किया तो गुरू का फोन पहुंच से बाहर आ रहा था। कविता के पास अपने पति से बात करने का आखिरी मौका था। लेकिन उनकी किस्‍मत में शायद ये था ही नहीं।

pulwama attack karnataka martyr guru h

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Pulwama Attack: कर्नाटक के मांडया जिले मड्डुर के रहने वाले कॉन्सटेबल गुरु एच 14 फरवरी को पुलवामा के लेथीपोरा इलाके में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। वे जम्मू से श्रीनगर आ रहे CRPF के उसी काफिले में शामिल थे, जिस पर आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था।

गुरु की पत्‍नी कविता को पति के शहीद होने की खबर रात को मिली। कविता को पति का फोन आया था लेकिन वह उठा नहीं पाई थीं। किसी काम में व्यस्त थीं। जब उन्होंने वापस फोन किया तो गुरू का फोन पहुंच से बाहर आ रहा था। कविता के पास उनसे बात करने का आखिरी मौका था। लेकिन कविता की किस्‍मत में शायद ये था ही नहीं।

गुरु श्रीनगर में थे और उन्‍होंने बताया नहीं था कि वह पुलवामा जा रहे हैं। वह पत्नी को सीमा की सुरक्षा के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में बताया करते थे। उन्‍होंने देश के कई हिस्सों में मुश्किल हालात में काम किया था। देश की सुरक्षा करने के लिए कविता को अपने पति पर गर्व है। लेकिन जब जरूरत थी तब उन्‍हें ही सुरक्षा नहीं मिली। उन्‍होंने बार-बार आतंकियों को मारने की मांग की। 33 साल के गुरु CRPF की 82वीं बटालियन से जुड़े थे और श्रीनगर में तैनात थे। गुरु छुट्टी पर घर आए हुए थे और 11 फरवरी को ही वापस जम्मू-कश्मीर लौटे थे।

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