खंजन कुमार महतो महज 23 साल की उम्र में हुए शहीद, पुरानी है इस गांव में शहादत की परंपरा

झारखंड के रांची में दशम फॉल के पास 4 अक्टूबर को हुई नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में राहे प्रखंड के चैनपुर गांव के जगुआर एसटीएफ के जवान खंजन कुमार महतो शहीद हो गए।

Martyr Khanjan Kumar Mahto

झारखंड के रांची में दशम फॉल के पास 4 अक्टूबर को हुई नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में राहे प्रखंड के चैनपुर गांव के जगुआर एसटीएफ के जवान खंजन कुमार महतो शहीद हो गए।

Ranchi
शहीद खंजन कुमार महतो (फाइल फोटो)

झारखंड के रांची में दशम फॉल के पास 4 अक्टूबर को हुई नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में राहे प्रखंड के चैनपुर गांव के जगुआर एसटीएफ के जवान खंजन कुमार महतो शहीद हो गए। उनकी उम्र महज 23 साल थी। शहीद के पिता अनंत प्रसाद महतो रांची जिला बल में कार्यरत हैं। उनकी मां गौरी देवी बच्चों के साथ 4 साल से रांची में रह रही हैं।

तीन भाइयों में शहीद खंजन दूसरे नंबर के थे। निरंजन कुमार महतो सबसे बड़े थे। उनका छोटा भाई चंदन महतो बी टेक कर रहा है। उनकी एक बहन सौम्या कुमारी है जो बीए में पढ़ रही है। शहीद के पिता अनंत महतो ने बताया कि घर में काम होने के कारण वे परिवार के साथ गांव आए हुए थे। 4 अक्टूबर की सुबह 6:00 बजे जगुआर मुख्यालय से फोन आया कि आपको मुख्यालय आना है, गाड़ी जा रही है तैयार रहें। पिता को क्या पता था कि कोई अनहोनी हो गई है। शहीद के साथी जवान नरेश महतो का कहना है कि खंजन कुमार बड़े ही हंसमुख व्यक्ति थे। सबके साथ उनका व्यवहार दोस्ताना रहता था।

4 अक्टूबर की अल सुबह 2:00 बजे मुख्यालय से अभियान के लिए साथ निकले थे। करीब 3:00 बजे अंतिम बार उनसे बात हुई थी। अभियान के दौरान उनके साथी नरेश महतो दूसरे सेक्शन में थे। दोनों के पोजीशन की दूरी लगभग 50 मीटर थी। करीब 5:00 बजे अचानक गोली चलने लगी। सभी जवान अपनी-अपनी पोजीशन पर थे। जब गोली चलनी बंद हुई तब इस घटना की जानकारी हुई। शहीद खंजन कुमार महतो का पार्थिव शरीर शाम 5:00 बजे चैनपुर गांव पहुंचा। शहीद का शव पहुंचते ही गांव का माहौल गमगीन हो गया।

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लोग शहीद की एक झलक पाने को आतुर थे। पूरा गांव गर्व के साथ आंसू बहा रहा था। शहीद जवान के पार्थिव शरीर के साथ जगुआर के जवान बुंडू एसडीओ राजेश साहू, डीएसपी अशोक प्रियदर्शी, बीडीओ राम गोपाल पांडे और ओपी प्रभारी अजय ठाकुर भी गांव पहुंचे थे। शहीद के आंगन में उन्हें सलामी दी गई। इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। शहीद की अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल था। बता दें कि दोकाद पंचायत के 3 जवान पहले ही शहीद हो चुके हैं।

राहे प्रखंड का चैनपुर गांव दोकाद पंचायत में आता है। पूरे पंचायत में 100 से अधिक जवान झारखंड पुलिस में कार्यरत हैं। झारखंड का गठन होने के बाद पंचायत से 4 जवान शहीद हुए हैं। सभी जवान नक्सली हमले के शिकार हुए हैं। दोकाद पंचायत के तुरहा गांव के घासीराम महतो 2 दिसंबर, 2006 को बोकारो में, दरहा गांव के सुरेश स्वांसी 15 जनवरी, 2010 को गुमला में, चैनपुर गांव के नील मोहन महतो 21 जनवरी, 2012 को गढ़वा में नक्सली हमले में शहीद हुए थे। वहीं, खंजन कुमार महतो नामकुम और दशम फॉल के सीमा पर 4 अक्टूबर को हुए नक्सली हमले में शहीद हो गए।

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