दंतेवाड़ा: डीएसपी दिनेश्वरी नंद की कहानी, पिता के साथ ली थी ट्रेनिंग

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में पदस्थ डीएसपी दिनेश्वरी नंद एक ऐसी बेटी है, जिस इलाके में उनके पिता किस्मत लाल नंद ने टीआइ की नौकरी कर चुके हैं, उसी दंतेवाड़ा में बेटी अब अफसर बनकर कानून-व्यवस्था के साथ-साथ नक्सल मोर्चे पर ऑपरेशन संभाल रही हैं।

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किसी पिता के लिए यह बड़े ही गर्व की बात है कि उनकी बेटी उन्हीं के पेशे में ऊंचे पद पर पहुंचकर अपना दायित्व संभाल रही है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में पदस्थ डीएसपी दिनेश्वरी नंद एक ऐसी ही बेटी हैं।

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पिता किस्मत लाल नंद के साथ डीएसपी दिनेश्वरी नंद

किसी पिता के लिए यह बड़े ही गर्व की बात है कि उनकी बेटी उन्हीं के पेशे में ऊंचे पद पर पहुंचकर अपना दायित्व संभाल रही है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में पदस्थ डीएसपी दिनेश्वरी नंद एक ऐसी ही बेटी हैं। जिस इलाके में उनके पिता किस्मत लाल नंद टीआई की नौकरी कर चुके हैं, उसी दंतेवाड़ा में बेटी अब अफसर बनकर कानून-व्यवस्था के साथ-साथ नक्सल मोर्चे पर ऑपरेशन संभाल रही हैं। सरायपाली ब्लॉक के एक छोटे से गांव संतपाली के रहने वाले कांग्रेस विधायक किस्मतलाल नंद की बेटी दिनेश्वरी नंद नक्सल मोर्चे पर तैनात होकर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं।

खास बात यह है कि पिता के सेवानिवृति से तीन साल पहले दिनेश्वरी नंद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर सीधे डीएसपी बनीं। उधर कुछ समय बाद उनके पिता भी प्रमोट होकर इसी पद से सेवानिवृत हुए थे। दंतेवाड़ा में कई सालों तक तैनात रहे दिनेश्वरी नंद के पिता का जनवरी, 2018 में रायगढ़ तबादला हुआ। वहीं से वे सेवानिवृत हुए। रिटायरमेंट के बाद वे राजनीति में आए। किस्मतलाल वर्तमान में सरायपाली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं। वे कहते हैं कि बेटियां पिता की सबसे लाड़ली होती हैं। उनकी सफलता से परिवार वालों का सिर भी गर्व से ऊंचा होता है। बेटियों में कुछ कर गुजरने का जुनून होता है।

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डीएसपी दिनेश्वरी नंद के विधायक पिता किस्मतलाल का कहना है कि हर मां-बाप बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का मौका दें तो उन्हें जरूर सफलता मिलेगी। किस्मतलाल जब 2015-16 में प्रमोट होकर डीएसपी बने, उसी समय दिनेश्वरी भी पीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी बनीं। पिता-बेटी ने साथ में ही ट्रेनिंग ली थी। किस्मत लाल नंद कहते हैं कि उनके लिए वह सबसे अनमोल दिन रहा, जब दिनेश्वरी और उन्होंने एक साथ ट्रेनिंग ली थी। बेटी ने गर्व से मेरा सीना चौड़ा कर दिया है।

उसने मेरे सपने को अपना सपना बनाया। मैं जिस पद से रिटायर हुआ, उसी पद से नौकरी की शुरुआत बेटी ने की। ऐसा सौभाग्य बहुत ही कम लोगों को मिलता है। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने मेरे नाम को चरितार्थ किया, वास्तव में मैं किस्मत का धनी हूं। वहीं, दिनेश्वरी कहती हैं कि पिता को पुलिस की नौकरी में देख, पुलिस अफसर बनने का सपना बुना था। बहुत अच्छा लगता है आज उसी इलाके में सेवा दे रहीं हूं जहां एक समय मेरे पिता ड्यूटी किया करते थे।

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