अनंतनाग आतंकी हमले में यूपी के दो लाल शहीद

महेश पांच माह पहले छुट्टी पर आए थे और इसी माह आने का वादा करके ड्यूटी पर गए थे।

terrorist attack, anantnag terrorist attack, Ghazipur, Shamli, Anantnag terror attack, Two crpf jawans from up martyred, martyr mahesh kushwaha, martyr satendra kumar, jammu and kashmir terror attack, CM yogi adityanath, sirf sach, sirfsach.in

गाजीपुर के सीआरपीएफ जवान महेश कुमार कुशवाहा और शामली के सतेंद्र कुमार शहीद हो गए।

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में यूपी के दो लाल शहीद हो गए। 12 जून को हुए इस हमले में गाजीपुर के जैतपुरा गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान महेश कुमार कुशवाहा और शामली के सतेंद्र कुमार शहीद हो गए। शहादत की खबर मिलते ही दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घर में कोहराम मच गया। गाजीपुर के शहीद महेश कुशवाहा सीआरपीएफ की 116वीं बटालियन में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। इन दिनों जम्मू-कश्मीर में उनकी तैनाती थी। अनंतनाग में आतंकी हमले के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ जवान महेश कुशवाहा शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर से पूरे गांव में गम का माहौल है। जवान की शहादत की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग शोककुल परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं।

गाजीपुर की सदर तहसील के जैतपुरा गांव के किसान गोऱखनाथ कुशवाहा के बेटे महेश कुशवाहा साल 2009 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। महेश के दिल में देश भक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था। वे बहुत ही सरल और मिलनसार स्वाभाव के थे। महेश पांच माह पहले छुटटी पर आए थे और इसी माह आने का वादा करके ड्यूटी पर गए थे। उनकी छुट्टी पास भी हो चुकी थी। महेश का विवाह साल 2010 में निर्मला देवी के साथ हुआ था। उनका पांच साल का एक बेटा आदित्य और 3 साल की एक बेटी आर्या है। जवान की शहादत की खबर पाकर उनकी पत्नी सदमे में हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्त्ती कराया गया है। जबकि दिल के मरीज उनके पिता पहले से ही इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें अब तक इसके बारे में बताया नहीं गया है। परिजनों को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि कल सुबह जिसने फोन कर घर का हाल-चाल पूछा था, आज वो इस दुनिया में नहीं है।

वहीं, शामली जनपद के कांधला थाना क्षेत्र के किवाना गांव के रहने वाले जवान सतेंद्र कुमार भी इस हमले में शहीद हो गए। सतेंद्र कुमार ने साल 2010 में सीआरपीएफ ज्वाइन की थी। पिछले ढाई सालों से शहीद सतेंद्र कुमार की तैनाती जम्मू के अनंतनाग में थी। अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के पांच शहीद जवानों में सतेंद्र भी शामिल हैं। सतेंद्र के पिता का नाम मनीराम है। सतेंद्र के दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम दीपांशु है जो 4 साल का है। वहीं छोटे बेटे का नाम वाशु है, वह अभी 2 साल का है।

सत्येंद्र के पिता मनीराम मजदूरी करते हैं। सतेंद्र के दो भाई और 2 बहनें हैं, जिनमें से एक भाई और एक बहन अविवाहित हैं। सतेंद्र 10 मार्च को होली पर 20 दिन की छुट्टी लेकर घर आए थे और 30 मार्च को वापस चले गए थे। शहीद के पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। वह चाहते हैं कि उनके दो बेटे हैं, वे दोनों भी सेना में भर्ती हो जाएं और अपनी भाई की शहादत का बदला लें। पूरा गांव शहीद के परिवार के साथ है। शहीद के पिता मनीराम की शासन से अपील है कि आतंकवाद का खत्मा होना चाहिए ताकि आगे किसी मां का लाल आतंकियों के हाथों से न मारा जाए।

यह भी पढ़ें: नक्सलवाद का सफाया करने में प्रशासन की मदद करेंगे पूर्व नक्सली, दोबारा हथियार उठाने की तैयारी

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें