हस्तक्षेप एपिसोड नंबर 1: CAA, NRC, NPR पर मतभेद पर सियासी नजरिया

India China Clashes

बीबीसी के पूर्व संपादक संजीव श्रीवास्तव का भारत-चीन के मौजूदा हालात पर बेबाक राय। India China Border Tension

नव वर्ष 2020 के अवसर पर सिर्फ सच (Sirf Sach) की टीम अपने  देशवासियों के सामने एक नया अध्याय शुरू कर रही है। ‘हस्तक्षेप’ शीर्षक एक ऐसा मंच है जहां देश-दुनिया की मौजूदा राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक आदि मुद्दों पर छाई भ्रम रूपी धूल को हटाकर उसके वास्तविक स्वरूप को आप तक लाना है। 

Sirf Sach

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने का गौरव लिए करीब 135 करोड़ जनसंख्या को एक साथ मिलाकर विकास की पटरी पर लेकर दौड़ते भारत के सामने कई दशकों से आतंकवाद और नक्सलवाद इसकी रफ्तार में रोड़ा बनकर खड़े हैं। ऐसे में जरूरत पड़ी एक ऐसे मंच की जहां पर इस समस्या को जन-जन तक पहुंचाया जाए, जिससे कि इन चुनौतियों से लड़ रहे लोगों का मनोबल बढ़े और पथ-भ्रमित लोगों को सद-मार्ग पर चलने का हौसला मिले।

सिर्फ सच (Sirf Sach) के माध्यम से इस काम को करने का बेड़ा उठाया है देश-दुनिया की कुछ नामचीन मीडिया हस्तियों ने। जिन्होंने सालों के अपने राजनीतिक और सामाजिक अनुभवों के आधार पर देश को बांटने वाली शक्तियों के लिए आम जनता को जागरूक करने और शासन-प्रशासन के विकास कार्यों के बारे में जन-चेतना फैलाने का काम कर रहे हैं। साथ ही सिर्फ सच उन जवानों का हौसलाफजाई भी कर रही है जो देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं।

सिर्फ सच (Sirf Sach) वेबसाइट पर प्रकाशित हमारी खबरें देश को नक्सलवाद से होने वाले नुकसान और भटके हुए लोगों को सही मार्ग पर लाने का प्रयास है। साथ ही सिर्फ सच के सोशल प्लेटफॉर्म पर जुड़े लाखों लोग हमारे इस प्रयास से प्रभावित भी हो रहे हैं।

सिर्फ सच (Sirf Sach) को इस देश के लोगों की मिल रही सराहना का ही परिणाम है कि नये साल 2020 के अवसर पर हम अपनी इस मुहिम में एक और अध्याय जोड़ रहे हैं। जिसका शीर्षक है ‘हस्तक्षेप’।

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हस्तक्षेप के माध्यम से बीबीसी के पूर्व संपादक संजीव श्रीवास्तव जी देश के मौजूदा राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समीकरणों पर निष्पक्ष रूप से अपने अनुभव साझा करेंगे। यह एक तरह से वीकली न्यूज कैप्सूल की तरह होगा जो मौजूदा मुद्दों पर पड़ी परतों को हटाकर उसकी वास्तविक तस्वीर आपके समझ रख देगा।

इसी कड़ी में हम आपके समक्ष पेश कर रहे हैं हस्तक्षेप का एपिसोड नंबर 1:-

 

भारत सरकार के द्वारा अपने नागरिकों की बेहतरी के लिए बनाये गए नये कानून CAA, NRC, NPR का देश में विरोध, आंदोलन और हिंसा हमारे इस एपिसोड का मुख्य मुद्दा है। 

साल 2019 में फिर से पूर्ण बहुमत से केंद्र में लौटी नरेंद्र मोदी की सरकार ने बहुत संवेदनशील मुद्दे को अपने कार्यकाल के शुरुआत में लाकर बहुत बड़ा रिस्क ले लिया है। क्योंकि सत्ता में काबिज बीजेपी की सरकार की छवि पहले से ही एंटी-माइनॉरिटी रही है। ऐसे में ऐसा कानून लाना जो मुस्लिम समुदाय पर केंद्रित है, कहीं ना कहीं बीजेपी की एंटी-माइनॉरिटी छवि लोगों में और ज्यादा असुरक्षा की स्थिति पैदा करती है। हालांकि भारत के प्रधानमंत्री इस कानून को लेकर देश की जनता और खासकर भारतीय मुसलमानों को ये आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस कानून के तहत किसी भी भारतीय मुसलमान के लिए कोई खतरा नहीं है। 

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